जम्मू के इन इलाकों में पैर पसार रहा आतंक, सुरक्षा एजेंसियां ​​High Alert पर

Edited By Sunita sarangal, Updated: 15 Jul, 2024 11:07 AM

security agency high alert in jammu

स्थानीय आबादी के साथ घुलमिल जाते हैं और हमले करने से पहले पाकिस्तान में मौजूद आकाओं से निर्देश मिलने का इंतजार करते हैं।

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजैंसियां ​​घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों द्वारा अपनाई गई ‘संरक्षण और समेकन' रणनीति के ‘छिपे हुए खतरे’ से जूझ रही हैं। यह खतरा उत्तरी कश्मीर और कठुआ जिले में हाल ही में घात लगाकर किए गए हमलों और मुठभेड़ों में स्पष्ट प्रतीत होता है। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने घात लगाकर किए गए हमलों और आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ों का विश्लेषण करते हुए कहा कि सुरक्षा एजैंसियां ‘​​हाई अलर्ट’ पर हैं, लेकिन जमीनी स्तर की ‘मानव खुफिया' जानकारी के अभाव में ऐसे आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में बाधा आ रही है।

तकनीकी खुफिया जानकारी पर पूरी तरह निर्भरता फलदायी नहीं रही है, क्योंकि आतंकवादी अधिकारियों को गुमराह करने के लिए ऑनलाइन गतिविधियों का इस्तेमाल करते हैं। अधिकारियों को लगता है कि विदेशी आतंकवादियों का मुकाबला करने के लिए विशेष रूप से जम्मू क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है। अपने शांतिपूर्ण माहौल के लिए परिचित इस क्षेत्र खासकर पुंछ, राजौरी, डोडा और रियासी जैसे सीमावर्ती जिलों में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। भारतीय वायुसेना के काफिले, तीर्थयात्रियों की बस पर हमले तथा कठुआ में सैनिकों की हाल ही में हत्या से यह उभरता खतरा दृष्टिगोचर हुआ है।

यह भी पढ़ें :  जम्मू-कश्मीर : श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी, 30 साल बाद होंगे इस देवी के दर्शन

अधिकारियों ने कहा कि "संरक्षण और समेकन" रणनीति के तहत आतंकवादी जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ करते हैं, लेकिन शुरूआत में चुप रहते हैं। स्थानीय आबादी के साथ घुलमिल जाते हैं और हमले करने से पहले पाकिस्तान में मौजूद आकाओं से निर्देश मिलने का इंतजार करते हैं। हालांकि घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की "संरक्षण और समेकन" रणनीति का पता चलने के बाद जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा एजैंसियां ​​‘हाई अलर्ट' पर हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी का अभाव अभियान में बाधा बन रहा है।

एक अधिकारी ने बताया कि तकनीकी खुफिया जानकारी उतनी कारगर नहीं रही है, क्योंकि आतंकवादी केवल सुरक्षा एजेंसियों को भ्रमित करने के लिए इंटरनैट पर अपनी उपस्थिति छोड़ते हैं। अधिकारियों ने इसे आतंकवादी गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण बदलाव बताते हुए भाड़े के विदेशी आतंकवादियों को उनके दुर्भावनापूर्ण इरादों को अंजाम देने से रोकने के लिए कड़ी निगरानी की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है।

यह भी पढ़ें :  मामला सुलझाने गए पूर्व सरपंच पर Firing, भाई और बेटे सहित 5 घायल

सोपोर में 26 अप्रैल को हुई मुठभेड़ में शामिल आतंकवादी 18 महीनों से छिपे हुए थे

सोपोर में 26 अप्रैल को हुई मुठभेड़ में शामिल विदेशी आतंकवादी 18 महीने से छिपे हुए थे। इस तरह की योजना "संरक्षण और समेकन" रणनीति की पुष्टि करती प्रतीत होती है। साक्ष्यों से पता चलता है कि कश्मीर स्थित आतंकी समूहों के साथ विदेशी आतंकवादियों के संबंध हैं और वे अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करते हैं। जून में इसी प्रकार के अभियानों से छिपे हुए नैटवर्क ध्वस्त हो गए, आतंकवादियों की योजनाओं और क्षमताओं का खुलासा हुआ तथा सीमा पार से घुसपैठ के अनदेखे उच्च-स्तरीय पहलू भी सामने आए। 26 अप्रैल को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पी.ओ.के.) के रावलकोट के दो आतंकवादी मारे गए, जबकि खूंखार पाकिस्तानी आतंकवादी उस्मान लंगड़ा के बारे में कहा जाता है कि वह 19 जून को सोपोर के हादीपोरा में मुठभेड़ में मारा गया।

‘अल्ट्रा सैट’ फोन के इस्तेमाल ने आतंकवादियों को ट्रैक करना किया मुश्किल

मानव खुफिया जानकारी में कमी के साथ-साथ आतंकवादियों द्वारा "अल्ट्रा सैट" फोन जैसे एन्क्रिप्टेड संचार उपकरणों के उपयोग ने उन्हें ‘ट्रैक' कर पाना मुश्किल बना दिया है। सुरक्षा एजेंसियां ​​इस छिपे हुए खतरे का मुकाबला करने के लिए निगरानी बढ़ाने और सार्वजनिक सतर्कता बरतने का आग्रह कर रही हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों की क्षमता भले ही कम हो गई हो, लेकिन उनका इरादा लगातार देश के लिए खतरा बना हुआ है। अधिकारियों ने युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकवादी समूहों में भर्ती करने तथा हमलों की योजना बनाने के लिए ‘एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप' के इस्तेमाल से उत्पन्न चुनौतियों को भी उजागर किया है। उन्होंने समुदाय की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से युवाओं के बीच संदिग्ध संचार की निगरानी में सार्वजनिक सतर्कता बरतने पर जोर दिया है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!