Edited By Sunita sarangal, Updated: 14 Nov, 2024 10:24 AM
ऐसे में इन दोनों में से किसी एक नेता को राज्यसभा में भेजा जा सकता है।
जम्मू: जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन के बाद अब रिक्त पड़ी राज्यसभा की 4 सीटों के लिए राजनीति गर्माने लगी है। कई बड़े नेताओं की इच्छा राज्यसभा में पहुंचने की है। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का गठन न होने की वजह से पिछले 6 सालों से राज्यसभा की सीटें खाली पड़ी हैं।
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सूत्रों के अनुसार संसद सत्र के दौरान ही जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है। विधानसभा में सदस्यों के गणित के हिसाब से सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को 4 सीटों में से 3 सीटों पर जीत मिलना तय है। वहीं 28 विधायकों के साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही भारतीय जनता पार्टी को एक सीट पर जीत मिलना लगभग पक्का है।
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा। नेशनल कांफ्रेंस को सबसे ज्यादा 42 सीटों पर जीत मिली और 6 निर्दलीय विधायकों ने नेशनल कांफ्रेंस को समर्थन दिया है। कांग्रेस से नेशनल कांफ्रेंस का गठबंधन है और कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 6 सीटों पर जीत दर्ज की। ऐसे में डा. फारूक अब्दुल्ला का राज्यसभा का चुनाव जीतना तय है।
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राज्यसभा की अन्य 2 सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस किसे उम्मीदवार बनाती है, इस पर चर्चा का दौर जारी है। भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में अपने कई वरिष्ठ नेताओं जिसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री डा. निर्मल सिंह, कवींद्र गुप्ता को टिकट नहीं दिया। ऐसे में इन दोनों में से किसी एक नेता को राज्यसभा में भेजा जा सकता है। इनके अलावा भी कई नेताओं की नजर राज्यसभा का सदस्य बनने पर है। ऐसे में पार्टी स्तर पर राजनीति गरमाने लगी है।
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