Edited By Sunita sarangal, Updated: 29 Oct, 2024 05:39 PM
अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय को पाकिस्तान में किसी प्रकार की धार्मिक आजादी प्राप्त नहीं है।
पुंछ(धनुज शर्मा): आतंकवाद की फैक्ट्री एवं जेहाद का कारखाना कहे जाना वाला कंगाल पाकिस्तान अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के लिए एक कब्रगाह बन रहा है। यहां पर हिन्दुओं के साथ हर स्तर का शोषण रोजाना किया जा रहा है। अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय तिल-तिल मरकर जीने को मजबूर है। अधिकतर हिन्दुओं के हालात इतने खराब हैं कि समुदाय का कहना है कि इस जीवन से मौत बेहतर है।
अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय को पाकिस्तान में किसी प्रकार की धार्मिक आजादी प्राप्त नहीं है। अधिकांश हिन्दू मंदिरों को कट्टरवादियों द्वारा नेस्तोनाबूद कर दिया गया जिसमें कई सदियों पुराने मंदिर शामिल हैं। वहीं अधिकांश मंदिरों पर बहुसंख्यक समुदाय द्वारा अवैध कब्जा कर अलग-अलग प्रकार का कारोबार किया जा रहा है। कई प्राचीन मंदिरों को स्थानीय निवासियों द्वारा तबेले के रूप के इस्तेमाल भी किया जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 1947 में भारत पाक विभाजन से पूर्व पाकिस्तान में कुल 1288 मंदिर थे जिनके पास अकूक जमीन जायदाद धन संपत्ति थी परंतु अब केवल 31 के करीब ही मंदिर हैं। इनकी संपत्ति भी लूट ली गई है जबकि मंदिरों की हालात बेहद खराब है।
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पाकिस्तान के इस्लामाबाद में 16वीं सदी पुराना एक प्राचीन तथा ऐतिहासिक राम मंदिर है जिसमें बीते 7 दशक से हिन्दुओं को पूजा करने से वंचित रखा गया। रिपोर्ट के अनुसार कई बार लोगों द्वारा इस प्राचीन तथा ऐतिहासिक मंदिर में पूजा करने की कोशिश की गई परंतु कट्टरवादियों द्वारा लोगों को पूजा करने से बलपूर्वक रोका गया। इसी प्रकार पाकिस्तान के कराची नगर स्थित प्राचीन श्री शिवबाई शिवालय मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा कर ठेकेदार द्वारा मंदिर की भूमि को गाड़ियों की मुरम्मत की वर्कशॉप बना दिया गया है। कराची नगर की मुखी रोड पर स्थित प्राचीन मारी माता मंदिर को 15 जुलाई 2023 को कट्टरपंथियों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था।
इसी प्रकार प्राचीन पंचमुखी हनुमान मंदिर जो की ऐतिहासिक और लगभग 1500 साल पुराना है। उसकी अधिकांश जमीन पर स्थानीय निवासियों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। इसी प्रकार पाकिस्तान के ल्यारि क्षेत्र में प्राचीन हनुमान मंदिर को एक बड़े बिल्डर द्वारा विकास के नाम पर ध्वस्त कर दिया गया। इसी तरह पाकिस्तान में सैंकड़ों हिन्दू प्राचीन तथा ऐतिहासिक मंदिरों का ध्वस्तीकरण किया गया परंतु स्थानीय प्रशासन एवं सरकार बेबस हिन्दुओं की कोई सहायता नहीं कर पाई। पाकिस्तान में तोड़े गए मंदिरों की संख्या इतनी है कि जिसकी पूरी जानकारी प्रदान करना मुश्किल है।
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पाकिस्तान में तेजी से घटी हिन्दू आबादी
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय की आबादी में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। एक रिपोर्ट के अनुसार विभाजन के समय 1947 में पाकिस्तान में हिन्दुओं की आबादी लगभग 20.5% थी जिसमें अधिकतर लोग समृद्ध एवं धन दौलत वाले थे परंतु विभाजन के बाद से पाकिस्तान में आए कट्टरवाद के दौर ने सबसे ज़्यादा निशाना हिन्दू अल्पसंख्यकों को बनाया। हर प्रकार से हिन्दुओं को निशाना बनाया गया। कभी जबरन धर्मपरिवर्तन का सहारा लेकर कभी बड़े स्तर पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की नृशंस हत्या उनकी आबादी घटाई जा रही है।
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आलम यह है कि 1947 में जहां 20.5% हिन्दू थे आज वो 2 प्रतिशत भी नहीं हैं और जो हिन्दू बचे हैं वो भी तिरस्कार, गरीबी, तंगहाली के कारण मौत से बदतर जीवन जी रहे हैं। पाकिस्तान के अलग-अलग क्षेत्रों में आए दिन हिन्दू लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्मपरिवर्तन करवाकर बड़ी उम्र के लोगों से शादी करवाना आम सी बात है। इस पूरे घिनौने कार्य के पीछे पूरा नेटवर्क काम करता है जिसे सरकार तथा पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। पीड़ित हिन्दुओं की सुनवाई नहीं हो पाती जिस कारण लोग बुरी तरह टूट रहे हैं।
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तथाकथित अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों का मूकदर्शक रवैया एवं चुप्पी जले पर नमक के समान
पाकिस्तान में आए दिन अल्पसंख्यक समुदाय पर किए जा रहे अत्याचार तेजी से घट रही अल्पसंख्यकों की आबादी कम उम्र की अल्पसंख्यक लड़कियों के बड़े पैमाने पर धर्मपरिवर्तन एवं जबरन निकाह तथा लोगों के कत्लेआम पर तथाकथित अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के मूकदर्शक रवैया एवं चुप्पी लोगों के जले पर नमक क़ा काम करती है। भारत में अल्पसंख्यकों को मिलने वाली हर सुविधा के बावजूद ये तथाकथित मानवाधिकार संगठन भारत को कोसते नहीं थकते परंतु पाकिस्तान में सरेआम बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार उनके धार्मिक स्थलों के ध्वस्तीकरण के बावजूद मानवाधिकार संगठनों का पक्षपातपूर्ण रवैये पर भी सवालिया निशान लाज़िमी है।
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