Edited By Neetu Bala, Updated: 22 Aug, 2025 12:32 PM

सुरक्षा अधिकारियों ने सीमा पार से मिली जानकारी का हवाला देते हुए यह खुलासा किया है।
जम्मू : ऑप्रेशन सिंदूर के दौरान भारी नुकसान के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने लश्कर-ए-तैयबा की विकेंद्रीकरण नीति की नकल करते हुए 300 से अधिक मस्जिदों के निर्माण की आड़ में बड़े पैमाने पर धन जुटाने का अभियान शुरू किया है। सुरक्षा अधिकारियों ने सीमा पार से मिली जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तान की ‘इंटर-सर्विसेज इंटैलीजैंस' की मदद से धन जुटाने के लिए एक नया तरीका अपनाया है और वह इसके लिए अपने संस्थापक और सर्वाधिक वांछित आतंकवादी मसूद अजहर के परिवार के सदस्यों द्वारा नियंत्रित ‘ईजीपैसा' और ‘सदापे' जैसे ‘डिजिटल वॉलेट' का इस्तेमाल कर रहा है ताकि वह वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफ.ए.टी.एफ.) जैसी वैश्विक एजैंसियों की जांच से बच सके। उन्होंने बताया कि 3.91 अरब रुपए जुटाने का यह अभियान कम से कम एक दशक के लिए जैश-ए-मोहम्मद के अभियानों और हथियारों के वित्तपोषण में मदद करेगा।
पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचों पर मिसाइल हमले किए थे। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर भीषण सैन्य टकराव हुआ। बाद में दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव समाप्त करने पर 10 मई को सहमति बनी। अधिकारियों ने बताया कि ऑप्रेशन सिंदूर के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय ‘मरकज सुभानअल्लाह' के साथ-साथ 4 अन्य प्रशिक्षण शिविर मरकज बिलाल, मरकज अब्बास, महमोना जोया और सरगल प्रशिक्षण शिविर नष्ट हो गए। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान सरकार ने इन नष्ट हो चुकी इमारतों के पुनर्निर्माण के लिए धन मुहैया कराने की घोषणा की है, वहीं जैश-ए-मोहम्मद ने पूरे पाकिस्तान में मस्जिदों के निर्माण की आड़ में 313 नए मरकज भवन बनाने के लिए 3.91 अरब रुपए इकट्ठा करने के मकसद से डिजिटल वॉलेट के जरिए ऑनलाइन धन जुटाने का अभियान शुरू किया है।
उन्होंने बताया कि फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया मंचों पर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े छद्म अकाऊंट और जैश-ए-मोहम्मद कमांडरों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे अकाऊंट ने पोस्टर, वीडियो और मसूद अजहर का एक पत्र पोस्ट किया है, जिसमें समर्थकों से खुले दिल से दान देने का आग्रह किया गया है और कहा गया है कि प्रत्येक मस्जिद के निर्माण और सुचारू संचालन के लिए 1.25 करोड़ रुपए की आवश्यकता है।
अधिकारियों के अनुसार कई डिजिटल वॉलेट खाते अजहर के भाई तल्हा अल सैफ (तल्हा गुलजार) और जैश-ए-मोहम्मद के हरिपुर जिला कमांडर आफताब अहमद के खाला बट्ट टाऊनशिप में पंजीकृत मोबाइल नंबर से जुड़े पाए गए। उन्होंने बताया कि धन जुटाने वाला एक अन्य माध्यम अजहर के बेटे अब्दुल्ला अजहर (अब्दुल्ला खान) के एक मोबाइल नंबर से जुड़ा है, जबकि खैबर पख्तूनख्वा में जैश कमांडर सैयद सफदर शाह मनसेहरा जिले के ओघी स्थित मेलवाराह डाकघर के पास पंजीकृत एक नंबर के माध्यम से संगठन के मरकज के लिए चंदा इकट्ठा कर रहा है। उन्होंने बताया कि इनके अलावा 250 से अधिक ईजीपैसा वॉलेट का इस्तेमाल जैश के लिए धन जुटाने के मकसद से किया जा रहा है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here
जम्मू-कश्मीर की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here