Edited By Neetu Bala, Updated: 22 Mar, 2025 03:33 PM

जेल विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में 31 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर की विभिन्न जेलों में यूएपीए के तहत 829 कैदी थे।
जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर में देश के प्रति असंतोष और आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है। हालिया आंकड़ों के अनुसार, जेलों में विचाराधीन कैदियों की संख्या इस ओर इशारा करती है कि यह एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। रिसर्च के बाद यह बात सामने आई है कि पिछले एक वर्ष में, विचाराधीन कैदियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। विशेष रूप से, आतंकवादी संगठनों को वित्तीय मदद देने, रसद और आश्रय प्रदान करने वाले व्यक्तियों को पकड़ा गया है। इन मामलों में यूएपीए के तहत FIR दर्ज की गई है।
जेल विभाग के आंकड़े
जेल विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में 31 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर की विभिन्न जेलों में यूएपीए के तहत 829 कैदी थे। इस संख्या में 31 जनवरी 2025 तक वृद्धि होते हुए 895 तक पहुंच गई है। बताते चले कि जेलों में बंद कुल कैदियों की संख्या 4400 हैं जिनमें 895 कैदी यूएपीए के हैं। इस हिसाब से, यह अपराध प्रदेश में तीसरे सबसे बड़े अपराध के रूप में उभरा है।
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