जम्मू-कश्मीर विधानसभा में GST संशोधन बिल पेश, जानें किस-किस पर पड़ेगा भारी Tax

Edited By Neetu Bala, Updated: 23 Mar, 2025 01:40 PM

gst amendment bill presented in jammu and kashmir assembly

विधानसभा में शनिवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की तरफ से उप-मुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने जम्मू-कश्मीर वस्तु एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2025 पेश किया।

जम्मू : विधानसभा में शनिवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की तरफ से उप-मुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने जम्मू-कश्मीर वस्तु एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2025 पेश किया। यह विधेयक 2017 में लागू जी.एस.टी. अ​धिनियम में कई बड़े बदलाव लाने जा रहा है। इसमें ऑनलाइन गेमिंग, वर्चुअल एसेट्स और सी.एस.आर. गतिवि​धियों सहित कई नए क्षेत्र शामिल किए गए हैं, जिन पर अब टैक्स लगेगा। विधेयक में आनलाइन गे​मिंग पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव है। ऐसे में सभी प्लेटफार्म जो इंटरनैट पर पैसों के बदले गेम का आफर करते हैं उन्हें टैक्स के दायरे में लाया जाएगा। वर्चुअल डिजीटल एसेट्स जिसमें क्रिप्टो करंसी जैसी डिजीटल संप​त्तियों को भी टैक्स कानून में शामिल कर लिया गया है। इसका मतलब है कि इन पर भी अब जी.एस.टी. लगेगा।

सी.एस.आर. गतिवि​धियों पर अब नहीं मिलेगा इनपुट टैक्स क्रैडिट का लाभ

विधेयक के तहत सी.एस.आर. गतिवि​धियों पर अब इनपुट टैक्स क्रैडिट का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में कार्पोरेट सोशल रिस्पा​न्सिबिलिटी के तहत की जाने वाली गतिवि​धियों पर खर्च की गई वस्तुओं या सेवाओं पर आई.टी.सी. नहीं मिलेगा।

इनवाइस और टैक्स रिटर्न फाइल करने की ​अधिकतम सीमा 3 साल निर्धारित

इनवाइस और टैक्स रिटर्न भरने की समयसीमा को तय किया गया है। इनवाइस और टैक्स रिटर्न फाइल करने की ​अधिकतम सीमा 3 साल निर्धारित की गई है। इसके बाद रिटर्न फाइल नहीं किया जा सकेगा।

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टैक्स चोरी पर कड़ी सजा का प्रावधान

टैक्स चोरी पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। यदि टैक्स चोरी जानबूझकर की गई हो तो जुर्माना टैक्स पूरी रा​शि जितना लगेगा। वहीं गलती से हुई कमियों पर 10 हजार तक जुर्माना लगेगा।

टैक्स के दायरे में आएंगे विदेशी प्लेटफार्म

आनलाइन सेवाएं देने वाले विदेशी प्लेटफार्म भी टैक्स के दायरे में लाए जाएंगे। ऐसे विदेशी प्लेटफार्म जो भारत में आनलाइन मनी गेमिंग सेवाएं दे रहे हैं उन्हें भी अब जी.एस.टी. पंजीकरण कराना होगा और टैक्स देना होगा।


मशीनों की रजिस्ट्रेशन होगी अनिवार्य

निर्माण कार्यों में प्रयोग होने वाली मशीनों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। ऐसे न करने पर एक लाख की रा​शि प्रति मशीन जुर्माना भरना पड़ेगा। यह संशोधन विधेयक जम्मू-कश्मीर में कर व्यवस्था को तकनीकी और डिजीटल युग के अनुरूप बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। आनलाइन सेवाएं, डिजीटल संप​त्ति और कर अनुपालन को सख्त करते हुए सरकार ने जी.एस.टी. ढांचे को और मजबूत करने का प्रयास किया है।

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