Jammu Kashmir में बच्चों को लेकर किया गया सर्वे, होश उड़ा देंगे रिपोर्ट के आंकड़े

Edited By Sunita sarangal, Updated: 14 Apr, 2025 02:15 PM

1 14 lakh malnourished children in jammu kashmir

समाज कल्याण विभाग के आयुक्त सचिव संजीव वर्मा ने बताया कि पूरक पोषण योजना के तहत 9 लाख 14 हजार 31 लोगों को कवर किया जा रहा है

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में कुपोषण से पीड़ित 1.14 लाख से अधिक बच्चों की पहचान की गई है ताकि उनकी स्थिति में सुधार के लिए विशेष एहतियाती उपाए किए जा सकें।

समाज कल्याण विभाग के आयुक्त सचिव संजीव वर्मा ने बताया कि पूरक पोषण योजना के तहत 9 लाख 14 हजार 31 लोगों को कवर किया जा रहा है और कुल लाभार्थियों में से 99 प्रतिशत का आधार सत्यापन पूरा हो चुका है।

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मुख्य सचिव अटल डुल्लू द्वारा जम्मू-कश्मीर में विभाग द्वारा चलाई जा रही कई लाभार्थी-उन्मुख योजनाओं के प्रभाव और पहुंच की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान वर्मा ने बताया कि लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए 22 लाख 76 हजार 67 घरों को लक्षित किया गया।

अधिकारी ने बताया कि इन प्रयासों से कुपोषण से पीड़ित 1 लाख 14 हजार 416 बच्चों की पहचान की गई तथा इनमें से 24 हजार 261 गंभीर तीव्र कुपोषण, 69 हजार 177 मध्यम तीव्र कुपोषण एवं 20 हजार 978 एनीमिया के मामले सामने आए जिनकी स्थिति में सुधार के लिए विशेष स्तर पर उपाए किए गए। आयुक्त सचिव समाज कल्याण विभाग ने बताया कि कमजोर बच्चों की देखभाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मिशन वात्सल्य के तहत 116 गृह और बाल देखभाल संस्थान स्थापित किए गए हैं।

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वहीं विभाग के कामकाज का अवलोकन प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 के दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत उपलब्ध 2 हजार 496 करोड़ रुपये की धनराशि में से 2 हजार 147 करोड़ रुपए उपयोग किए गए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025-26 के लिए विभाग के पक्ष में गत वर्ष की तुलना में 68 प्रतिशत की वृद्धि से 4 हजार 361 करोड़ रुपए का बजट आबंटित किया गया है।

विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में उन्होंने बताया कि मिशन वात्सल्य द्वारा बाल संरक्षण और कल्याण के अलावा मिशन शक्ति के माध्यम से महिला सशक्तिकरण एवं सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा रहा है। वहीं प्रधानमंत्री-अजय का उद्देश्य अनुसूचित जाति (एस.सी.) समुदायों का समग्र विकास करना है। उन्होंने कहा कि विभाग अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओ.बी.सी.) के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने के अलावा विकलांग व्यक्तियों के लिए कृत्रिम अंग सहायता भी उपलब्ध करवाई जा रही है।

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वर्मा ने कहा कि लाडली बेटी योजना के तहत बालिकाओं के लिए वित्तीय सहायता और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विवाह सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग आतंकवाद प्रभावित परिवारों के लिए पेंशन और छात्रवृत्ति भी सुनिश्चित करता है।

वर्मा ने कहा कि इसके अलावा विभाग जम्मू-कश्मीर में 14 से अधिक सामाजिक न्याय कानूनों के सक्रिय प्रवर्तन के साथ-साथ आदिवासी समुदायों के लिए पहाड़ी छात्रावासों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश में 28 हजार 183 आंगनवाड़ी केंद्रों का प्रबंधन भी करता है। पेंशन कवरेज के संबंध में वर्मा ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के तहत 9 लाख 55 हजार 958 लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा रही है।

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विभाग की भविष्य की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बैठक में बताया गया कि निकट भविष्य में 11 शक्ति सदन (महिला आश्रय गृह) पूरी तरह से क्रियाशील हो जाएंगे। इसके अलावा 5 अतिरिक्त शक्ति सदन संकट में महिलाओं को सुरक्षा, कौशल विकास और कानूनी सहायता प्रदान करेंगे।

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