Jammu Kashmir सरकार को SC ने दिया झटका, जानें क्या है पूरा मामला

Edited By Sunita sarangal, Updated: 17 Jan, 2025 11:54 AM

supreme court dismissed petition of j k government

इस मामले में फरवरी, 2023 में स्टाफ एवं बुनियादी ढांचे की सख्त जरूरत महसूस की गई।

जम्मू: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार की चुनौती याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने यू.टी. अधिकारियों को आदेश दिया था कि 60 दिन के अंदर 334 न्यायिक पदों का सृजन किया जाए।

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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश राय और एस.वी.एन. भट्टी की खंडपीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि मामला हाईकोर्ट में लंबित है और अंतरिम आदेश जारी किया गया। खंडपीठ ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस चुनौती याचिका पर विचार किया जाए और जो आदेश जारी किया गया वह सिर्फ अंदाजा था जबकि अभी मामले में प्रक्रिया लंबित है।

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जस्टिस भट्टी ने कहा कि क्लर्कों पर भार है और यू.टी. ने स्वयं हाईकोर्ट के विचार को आमंत्रित किया जो उसकी मंशा को दर्शाता है। सुनवाई में बताया गया कि हाईकोर्ट में जजों की संख्या को 14 से बढ़ा कर 17 किया गया और अब यह संख्या 25 तक बढ़ाई गई है। यू.टी. प्रशासन हाईकोर्ट रजिस्ट्री के सुझावों पर अमल करने में विफल रहा है जबकि वर्ष 2014 में 334 पदों को सृजत किए जाने का प्रस्ताव भेजा गया।

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इस मामले में फरवरी, 2023 में स्टाफ एवं बुनियादी ढांचे की सख्त जरूरत महसूस की गई। यू.टी. प्रशासन ने मई, 2023 में 24 पद सृजत किए जबकि 334 पदों के सृजन के सुझाव लंबित रहे। मामले का गंभीर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने 12 नवम्बर, 2024 को आदेश जारी किया जिसमें पदों के सृजन को लेकर सुझाव दिया गया और कहा गया कि वित्तीय प्रभाव को यू.टी. प्रशासन फंड के माध्यम से वहन करे।

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