Edited By Neetu Bala, Updated: 15 Aug, 2024 01:03 PM
ईडी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख अब्दुल्ला, अहसान अहमद मिर्जा (जेकेसीए के पूर्व कोषाध्यक्ष), मीर मंजूर गजनफर (जेकेसीए के एक अन्य पूर्व कोषाध्यक्ष) और कुछ अन्य को आरोपपत्र में आरोपी बनाया था।
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को बड़ी राहत दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के धन के कथित दुरुपयोग के संबंध में दायर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फारूक और अन्य के खिलाफ दायर आरोप पत्र को खारिज कर दिया है। हालांकि अब्दुल्ला इस मामले में उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता नहीं थे, लेकिन वह आरोप पत्र में आरोपियों में से एक थे। न्यायमूर्ति संजीव कुमार ने कहा कि उन्हें याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों में दम नजर आया, जिसे उन्होंने बहुत सशक्त ढंग से प्रस्तुत किया, और भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के तर्कों को स्वीकार करने में अपनी असमर्थता पर अफसोस व्यक्त किया।
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अदालत के आदेश में कहा है कि शिकायत, आरोप पत्र और नामित विशेष अदालत (प्रधान सत्र न्यायालय, श्रीनगर) द्वारा 18 मार्च 2020 के आदेश के तहत तय किए गए आरोप खारिज किए जाते हैं।
न्यायमूर्ति संजीव कुमार द्वारा पारित एकल पीठ के आदेश में कहा गया कि व्यक्तियों के खिलाफ कोई ठोस अपराध नहीं किया गया है और इसलिए ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र खारिज किए जाते हैं। ईडी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख अब्दुल्ला, अहसान अहमद मिर्जा (जेकेसीए के पूर्व कोषाध्यक्ष), मीर मंजूर गजनफर (जेकेसीए के एक अन्य पूर्व कोषाध्यक्ष) और कुछ अन्य को आरोपपत्र में आरोपी बनाया था।