तवी तट पर गूंजेगा Bhole Nath का डमरू, महा शिवरात्रि मेले की तैयारियां शुरू

Edited By Neetu Bala, Updated: 22 Feb, 2025 06:20 PM

bhole nath s damru will resonate on the banks of tawi

जामवंत पीरखो गुफा मंदिर में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर 25 फरवरी से 28 फरवरी 2025 तक महाशिवरात्रि मेला का भव्य आयोजन किया जाएगा।

जम्मू  : सूर्य पुत्री तवी के तट पर स्थित जामवंत पीरखो गुफा मंदिर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी महाशिवरात्रि पर्व को श्रद्धापूर्वक एवं मेले का आनंद लेते हुए मनाने की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं। जामवंत पीरखो गुफा मंदिर में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर 25 फरवरी से 28 फरवरी 2025 तक महाशिवरात्रि मेला का भव्य आयोजन किया जाएगा। यह मेला पर्यटन विभाग, जम्मू और पीरखो मंदिर समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। पीरखो पार्क में आयोजित होने वाले इस मेले का आगाज सांस्कृतिक कार्यक्रमों से होगा, जबकि समापन दंगल के साथ होगा।

जिसके चलते शनिवार को प्रेस वार्ता में महंत योगी राजिंदर नाथ जी ने बताया कि चार दिवसीय इस मेले में भक्ति संध्या, भक्ति गीतों से सजी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, झूले, फूड स्टॉल और विभिन्न सरकारी विभागों के स्टॉल आकर्षण का केंद्र होंगे। यह मेला श्रद्धालुओं, पर्यटकों और बच्चों के लिए विशेष अनुभव प्रदान करेगा।
इस वर्ष जामवंत पीरखो गुफा मंदिर में लगने वाले भव्य महाशिवरात्रि मेले के कार्यक्रम इस प्रकार होंगे- मेले के पहले दिन (25 फरवरी) को शाम 4 बजे मेले का उद्धाटन किया जाएगा और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वहीं मेले के दूसरे दिन (26 फरवरी) महाशिवरात्रि की शाम 4 बजे भी सांस्कृति कार्यक्रमों की प्रस्तुती होगी। मेले के तीसरे दिन (27 फरवरी) को दोपहर 12:30 बजे भंडारे का आयोजन किया जाएगा और उसी शाम 4:30 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। वहीं मेले के अंतिम दिन (28 फरवरी) को दोपहर 3 बजे भारजीय शैली की कुश्ती प्रतियोगिता होगी।

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वार्ता के अंत में महंत जी ने जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग और जम्मू पूर्व के विधायक युधवीर सेठी का आभार व्यक्त किया, जोकि इस मेले को सफल बनाने में हर संभव सहायता कर रहे हैं। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं और आगंतुकों से अपील की कि वे मेले में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और इसे प्लास्टिक व प्रदूषण मुक्त उत्सव बनाने में सहयोग करें।
 

इसी गुफा में श्री कृष्ण व जामवंत जी में हुआ था 27 दिनों तक चलने वाला युद्ध

हिंदू ग्रंथों के अनुसार, प्रभु श्री राम और रावण के युद्ध में जामवंत जी भगवान राम की सेना के सेनापति थे। युद्ध की समाप्ति के बाद भगवान राम जब सबसे विदा होकर अयोध्या लौटने लगे तो जामवंत जी ने उनसे कहा कि प्रभु युद्ध में सबको लड़ने का अवसर मिला परंतु मुझे अपनी वीरता दिखाने का कोई अवसर नहीं मिला। जिस पर भगवान राम ने जामवंत जी से कहा कि तुम्हारी ये इच्छा अवश्य पूर्ण होगी, जब मैं कृष्ण अवतार धारण करूंगा। जिसके बाद भगवान श्री कृष्ण अवतार में प्रकट हुए, जिस दौरान भगवान कृष्ण पर प्रकाश मणि चुराने का आरोप लगा तो वे अपने सिर से इल्जाम उतारने के लिए मणि की तलाश में निकल पड़े और मणि की तलाश में वे जामवंत गुफा तक पहुंच गए। 

जहां श्री कृष्ण को पता चला कि प्रकाश मणि जामवंत के पास है और फिर मणि को लेकर भगवान श्री कृष्ण और जामवंत जी के बीच युद्ध हुआ। जोकि 27 दिनों तक लगातार हुआ, वहीं युद्ध के दौरान जामवंत जी ने श्री कृष्ण को पहचान लिया कि यह प्रभु राम के कृष्ण अवतार हैं। इसके बाद जामवंत जी ने भगवान श्री कृष्ण को अपने घर आमंत्रित किया और वहीं जामवंत जी ने भगवान कृष्ण के समक्ष अपने पुत्री सत्यभामा से विवाह करने का प्रसताव रखा और उन्हें भेंट स्वरूप प्रकाश मणि दे दी।

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