Edited By VANSH Sharma, Updated: 16 Jul, 2025 06:21 PM

उनका सिर्फ एक ही उद्देश्य है, बाबा अमरनाथ के दर्शन।
जम्मू डेस्क: "जब मन में श्रद्धा हो और लक्ष्य बाबा का आशीर्वाद पाना हो, तो रास्ते कितने भी लंबे क्यों न हों, कदम थकते नहीं।" यह बात सच कर दिखा रहे हैं उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के हरनाम प्रसाद, जो बीते 111 दिनों से लगातार पैदल यात्रा कर रहे हैं। उनका सिर्फ एक ही उद्देश्य है, बाबा अमरनाथ के दर्शन।
हरनाम प्रसाद ने यह अनोखी यात्रा अपने घर से शुरू की और अब तक लगभग 7000 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं। इस समय वे जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पहुंच चुके हैं, जो अमरनाथ गुफा की यात्रा का प्रमुख पड़ाव है।
अपनी आस्था भरी यात्रा की शुरुआत उन्होंने उत्तर भारत से नहीं, बल्कि भारत के दक्षिणी छोर से की। हरनाम प्रसाद तमिलनाडु के रामेश्वरम पहुंचे, जहां उन्होंने पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए। फिर वहां से वे आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम मल्लिकार्जुन, उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन, और राजस्थान के खाटू श्याम मंदिर में दर्शन करते हुए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और फिर जम्मू पहुंचे।
हरनाम प्रसाद बताते हैं कि मैंने रामेश्वरम से बाबा अमरनाथ तक पैदल यात्रा शुरू की थी। रास्ते में भगवानों के दर्शन करते हुए आगे बढ़ता गया। बाबा श्याम का आशीर्वाद लेकर ही मैं जम्मू-कश्मीर पहुंचा हूं। हरनाम प्रसाद की भक्ति केवल पैदल चलने तक सीमित नहीं रही। मध्यप्रदेश के जबलपुर में उन्होंने 17 किलो वजनी कांवड़ उठाई और अब वे इसे लेकर 1700 किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं। वह बाबा भोलेनाथ और नंदी महाराज का जलाभिषेक करना चाहते है।

हरनाम प्रसाद की यह यात्रा केवल भक्ति नहीं, एक संदेश भी है। उन्होंने कहा कि मेरी मनोकामना है कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए, गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा मिले और अखंड भारत का सपना साकार हो।
गौरतलब है कि 3 जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा, जो 38 दिन चलती है, 9 अगस्त को समाप्त होगी। श्रद्धालु 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस पवित्र गुफा तक पहुंचते हैं, जहां प्राकृतिक रूप से बनी बर्फ की शिवलिंग के दर्शन होते हैं।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here