Jammu Kashmir में 3 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, आतंकियों से जुड़ा कनेक्शन

Edited By Kamini, Updated: 03 Jun, 2025 01:33 PM

3 government employees sacked over terror links in j k

जम्मू-कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों पर सख्त एक्शन लिया गया है। दरअसल, जम्मू कश्मीर सरकार ने मंगलवार को 3 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है।

श्रीनगर (मीर आफताब, उदय, तनवीर): जम्मू-कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों पर सख्त एक्शन लिया गया है। दरअसल, जम्मू कश्मीर सरकार ने मंगलवार को 3 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। बता दें कि, इन कर्मचारियों का आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिज्बुल मुजाहिदीन (HM) से संबंध था। इन तीनों कर्मचारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और वे जेल में हैं।

इस संबंधी जानकारी देते हुए एक अधिकारियों ने बताया कि, बर्खास्त किए गए तीनों कर्मचारियों में पुलिस कांस्टेबल मलिक इश्फाक नर्सी स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक एजाज अहमद और सरकारी मेडिकल कालेज श्रीनगर में एक जूनियर असिस्टेंट शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि इन तीनों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के आदेश पर बर्खास्त किया गया है, क्योंकि ये आतंकी संगठनों की मदद कर रहे थे और आतंकियों को हमले की योजनाएं बनाने तथा सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को निशाना बनाने में सहायता कर रहे थे। उन्होंने कहा, "पुलिस और अन्य सरकारी विभागों में एक जासूस और एक खतरनाक आतंकवादी सहयोगी का होना एक बहुत बड़ा खतरा है, जिसका जारी रहना राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता के लिए बेहद महंगा हो सकता है।"

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मलिक इश्फाक नसीर ने पुलिस की वर्दी में किया देशद्रोह

मलिक इश्फाक नसीर 2007 में पुलिस में भर्ती हुआ था। उसका भाई, मलिक आसिफ नसीर, लश्कर-ए-तैयबा का पाक प्रशिक्षित आतंकवादी था, जिसे 2018 में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया था। बावजूद इसके, इश्फाक आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा। पुलिस विभाग में होने के कारण उस पर शक नहीं हुआ और वह बेरोक-टोक आतंकी नेटवर्क को सहयोग देता रहा। 2021 में जम्मू क्षेत्र में हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी के एक मामले की जांच के दौरान इश्फाक के लश्कर से संबंध उजागर हुए। वह GPS तकनीक की मदद से पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स को लोकेशन भेजता और हथियारों व नशीले पदार्थों की खेप रिसीव कर आतंकियों तक पहुंचाता था।

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अजाज अहमद: शिक्षा विभाग का शिक्षक निकला आतंकी सहयोगी

अजाज अहमद को 2011 में शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। जांच में सामने आया कि वह हिज्बुल मुजाहिदीन का विश्वसनीय सहयोगी था और पुंछ क्षेत्र में सक्रिय रूप से आतंकियों को हथियार, गोला-बारूद और नशे की सामग्री पहुंचाने में मदद करता था। नवंबर 2023 में पुलिस ने एक रूटीन चेकिंग के दौरान अजाज़ और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया। उनके वाहन, एक टोयोटा फॉर्च्यूनर से हथियार, गोला-बारूद और हिज्बुल के पोस्टर बरामद हुए। जांच में पता चला कि यह सामग्री पीओके में सक्रिय आतंकी आबिद रामज़ान शेख के निर्देश पर मंगाई गई थी और कश्मीर घाटी के आतंकियों तक पहुंचाई जानी थी।

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सरकारी पदों पर बैठे आतंकी मददगार देश के लिए खतरा

अधिकारियों ने कहा कि इन कर्मचारियों की भूमिका बेहद खतरनाक थी क्योंकि ये सरकारी संस्थाओं में रहकर आतंकियों को संरक्षण दे रहे थे। "ऐसे लोग न सिर्फ संस्थाओं के भरोसे को तोड़ते हैं बल्कि देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन जाते हैं। सरकार द्वारा की गई यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक सख्त और स्पष्ट संदेश है कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त किसी भी व्यक्ति के लिए सरकारी सेवा में कोई स्थान नहीं है।

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