Edited By Sunita sarangal, Updated: 14 Oct, 2024 10:46 AM
जम्मू-कश्मीर में 15 वर्ष बाद नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं
जम्मू: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में 15 वर्ष बाद नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) मुख्यमंत्री (Chief Minister) बनने जा रहे हैं लेकिन अब जम्मू-कश्मीर राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है और पहले वाले ठाट-बाट नहीं होंगे। केंद्र शासित प्रदेश में ज्यादातर अधिकार केंद्रीय प्रतिनिधि के तौर पर उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) के पास ही रहेंगे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार की असली चाबी उपराज्यपाल प्रशासन (LG Administration) के पास ही रहेगी। अनुच्छेद 370 (Section 370) के रहते जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के पास असीमित शक्तियां हुआ करती थीं लेकिन अब शक्तियां सीमित ही रहेंगी। आदेशों पर अमलीजामा पहनाने के लिए भी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) की मंजूरी की जरूरत पड़ेगी।
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ऐसे में नेशनल कांफ्रेंस खासतौर से मुख्यमंत्री बनने वाले उमर अब्दुल्ला के लिए अपनी पार्टी के एजेंडे और घोषणापत्र को लागू करवाना आसान नहीं होगा। नेशनल कांफ्रेंस ने घोषणापत्र में दरबार मूव को बहाल करने के अलावा शहीदी दिवस को बहाल करने, जेलों में बंद राजनीतिक कैदियों को रिहा करवाने सहित कई वादे किए हुए हैं। ये ऐसे वादे हैं जोकि नेशनल कांफ्रेंस और मुख्यमंत्री केंद्र शासित प्रदेश में अपने बलबूते लागू नहीं करवा पाएंगे।
उन्हें इसके लिए उपराज्यपाल के अलावा केंद्र की मंजूरी की जरूरत पड़ेगी। कश्मीर मामलों के जानकार बिलाल बशीर की मानें तो केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने पर उमर अब्दुल्ला केवल सिफारिश कर पाएंगे। उसे मानना या न मानना उपराज्यपाल के विवेक पर निर्भर करेगा।
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