Edited By Sunita sarangal, Updated: 22 Feb, 2025 10:34 AM
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जब वे नई दिल्ली में थे तो उन्होंने कश्मीरी पंडितों से भी मुलाकात की, जहां उन्होंने दर्दनाक पलायन को स्वीकार करते हुए घाटी में उनकी वापसी का आह्वान किया।
श्रीनगर(मीर आफताब): केंद्र ने हुर्रियत अध्यक्ष और कश्मीर के मुख्य मौलवी मीरवाइज उमर फारूक की सुरक्षा बढ़ा दी है। हाल ही में उनकी नई दिल्ली यात्रा के बाद उन पर खतरे की आशंका बढ़ गई थी। यात्रा के दौरान उन्होंने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति को एक ज्ञापन सौंपा और कश्मीरी पंडितों के एक समूह से मुलाकात की।
सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने उनकी सुरक्षा बढ़ाए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें करीबी सुरक्षा में प्रशिक्षित सी.आर.पी.एफ. कर्मियों को तैनात किया गया है। एक पुलिस सूत्र ने पुष्टि करते हुए कहा कि सी.आर.पी.एफ. कर्मियों को उनकी सुरक्षा में रखा गया है।
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जम्मू और कश्मीर पुलिस ने उनकी दिल्ली यात्रा और वहां उनकी गतिविधियों के बाद ऑनलाइन उत्पन्न खतरों का आकलन किया। अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद नई दिल्ली की अपनी पहली यात्रा पर मीरवाइज उमर फारूक ने अन्य धार्मिक नेताओं के साथ मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा के प्रमुख के रूप में जे.पी.सी. को एक ज्ञापन सौंपा था और वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 में प्रस्तावित संशोधनों का कड़ा विरोध किया था।
जब वे नई दिल्ली में थे तो उन्होंने कश्मीरी पंडितों से भी मुलाकात की, जहां उन्होंने दर्दनाक पलायन को स्वीकार करते हुए घाटी में उनकी वापसी का आह्वान किया। मीरवाइज ने कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और कश्मीर की समग्र सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए एक अंतर-समुदाय समिति के गठन की भी घोषणा की।
2017 में उनका सुरक्षा कवर डाउनग्रेड कर दिया गया था, जिसे बाद में 2019 में वापस ले लिया गया था। उनके पिता मीरवाइज फारूक, जो जम्मू और कश्मीर अवामी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष भी थे, की 21 मई, 1990 को श्रीनगर के नगीन स्थित उनके आवास पर हिज्बुल मुजाहिदीन ने हत्या कर दी थी।
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