Edited By Neetu Bala, Updated: 20 Jul, 2025 03:39 PM

7 करोड़ से ज्यादा सक्रिय ई.पी.एफ.ओ. सदस्यों को राहत मिलेगी।
जम्मू डेस्क : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ई.पी.एफ.ओ.) अकाउंट्स से पैसे निकालने के नियमों में बड़ा बदलाव कर सकता है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रिटायमेंट फंड बॉडी ने एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें ऐसा कहा गया है कि ई.पी.एफ.ओ.सदस्यों को हर 10 साल में 1 बार अपनी पूरी राशि या उसका कुछ हिस्सा निकालने की अनुमति दी जाए। अगर ये प्रस्ताव पास हो जाता है तो इससे संगठित प्राइवेट सेक्टर में कार्य करने वाले 7 करोड़ से ज्यादा सक्रिय ई.पी.एफ.ओ. सदस्यों को राहत मिलेगी।
ज्लद रिटायर होते ही मिलेगा पूरा पी.एफ.
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद सदस्यों की ओर से पैसा निकालने के नियमों को आसान बनाने पर विचार कर रही है। यह उन लोगों को ध्यान में रखकर विचार किया जा रहा है, जो जल्द रिटायर होना चाहते हैं। ऐसे में वह 58 साल तक इंतजार की बजाय रिटायर होते ही पूरा पी.एफ. अमाउंट क्लेम कर सकते हैं।
अभी तक ई.पी.एफ.ओ.से पूरी रकम तभी निकाली जा सकती थी, जब कोई कर्मचारी 58 साल की आयु में रिटायर हो या नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद भी बेरोजगार रहे। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो 35 से 40 साल की उम्र में करियर बदलना चाहते हैं या किसी वजह से नियमित नौकरी नहीं कर पाते हैं। ऐसे में उनके लिए ये बदलाव काफी मददगार होगा।
घर खरीदने के लिए 90 फीसदी फंड
वर्तमान में ई.पी.एफ. में 7.4 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं और इसका कुल फंड करीब 25 लाख करोड़ रुपए है। हाल ही में ई.पी.एफ.ओ. ने घर खरीदने या बनाने के लिए 90% तक रकम निकालने की अनुमति दी है। पहले यह छूट सिर्फ उन्हें मिलती थी जो लगातार 5 साल तक पी.एफ. जमा करते रहे हों। अब यह सीमा घटाकर 3 साल कर दी गई है। ई.पी.एफ.ओ. ने इमरजेंसी में मिलने वाली एडवांस राशि की लिमिट भी बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी है, जो पहले 1 लाख रुपए थी।
क्या कहते हैं जानकार
मामले से जुड़े कुछ जानकारों को कहना है कि बार-बार पैसा निकालने से पी.एफ. का मूल मकसद कमजोर पड़ सकता है। पी.एफ. का मकसद रिटायरमेंट के लिए सुरक्षित फंड तैयार करना है। उनका कहना है कि इस प्रस्ताव को लागू करने से पहले यह तय करना जरूरी है कि लोग पैसे का दुरुपयोग न करें और भविष्य की बचत भी बनी रहे। साथ ही, ई.पी.एफ.ओ. के आई.टी. सिस्टम को भी बेहतर बनाना होगा, ताकि बार-बार निकासी की मांग को तकनीकी रूप से संभाला जा सके।
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