Edited By Neetu Bala, Updated: 11 Dec, 2025 06:58 PM
जम्मू ( विक्की): जम्मू क्षेत्र में कैंसर तेजी से एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बनता जा रहा है। सरकारी मेडिकल कॉलेज (जी.एम.सी) जम्मू द्वारा जारी अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्ट्री (एच.बी.सी.आर) के आंकड़ों के अनुसार, 2015 से 2024 के दशक में कुल 19,549 कैंसर मरीजों का रिकार्ड दर्ज किया गया। मरीजों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से अधिक रही, जहां पुरुष- महिला अनुपात 1.30:1 रहा। यह आंकड़ा स्वास्थ्य योजनाओं को मजबूत करने के लिए अहम साबित होगा।
अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्ट्री का महत्व
जी.एम.सी जम्मू में 2014 में शुरू हुई इस रजिस्ट्री का उद्देश्य कैंसर मरीजों का व्यवस्थित रिकॉर्ड रखना, वर्ष दर वर्ष बदलावों का विश्लेषण करना और इलाज के रुझानों को समझना है। यह डेटा क्षेत्रीय स्वास्थ्य नीति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एच.बी.सी.आर,आई.सी.एम.आर के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम(एन.सी.आर.पी) का हिस्सा है, जो पूरे भारत में कैंसर के व्यवहार पर नजर रखता है।
जिला-वार कैंसर मामलों का ब्योरा
2015 से 2024 के बीच कैंसर मरीजों का जिला-वार वितरण इस प्रकार है:
जम्मू जिला: 7,779 मरीज (39.79%)
कठुआ: 1,866
उधमपुर: 1,854
राजौरी: 1,426
डोडा: 1,347
सांबा: 1,206
रियासी: 1,054
पुंछ: 923
किश्तवाड़: 586
रामबन: 438
अन्य क्षेत्रों से जी.एम.सी जम्मू में इलाज के लिए आने वाले: 1,070 मरीज
यह आंकड़ा दर्शाता है कि जी.एम.सी जम्मू न केवल स्थानीय बल्कि व्यापक क्षेत्रीय स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा कर रहा है।
आयु समूह के अनुसार कैंसर का प्रभाव
कैंसर संक्रमण मुख्य रूप से 40 वर्ष से ऊपर के आयु वर्ग में पाया गया है। 60 से 79 वर्ष के मरीज सबसे अधिक हैं:
60–79 वर्ष: 8,554 मरीज
40–59 वर्ष: 7,615
20–39 वर्ष: 1,988
0–19 वर्ष: 304
80 वर्ष से अधिक: 1,088
पुरुष और महिला में कैंसर के प्रकार
रजिस्ट्री विश्लेषण में पाया गया कि:पुरुषों में फेफड़े, मुंह और भोजन नली के कैंसर आम हैं।महिलाओं में स्तन तथा गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर सबसे अधिक पाए गए।
उन्नत अवस्था में आने वाले मरीज और स्वास्थ्य चुनौती
भविष्य के लिए अहम योगदान
स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि यह डेटा कैंसर नियंत्रण, रोकथाम और संसाधन प्रबंधन योजनाओं को मजबूत करने में अहम साबित होगा। साथ ही, यह जी.एम.सी जम्मू पर बढ़ते रोगी भार को भी दिखाता है,
जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता जाहिर होती है। कई मरीज अस्पताल में उन्नत स्टेज (III और IV) में पहुंचते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह जागरूकता बढ़ाने और समय पर जांच कराने की जरूरत को दर्शाता है। जी.एम.सी. की उपचार सुविधाएं उन्नत मरीजों के बेहतर प्रबंधन में सहायक हैं।
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