Edited By Neetu Bala, Updated: 01 Jun, 2025 03:02 PM

जम्मू संभाग की फलों की उपज भी ट्रेन से देश के अन्य राज्यों तक पहुंच सकेगी।
कटड़ा (अमित): जम्मू मंडल के प्रयास से कटड़ा स्टेशन से मुंबई के बीच पहली कार्गो (पार्सल कोच) कोच चलाई गई जिसके माध्यम से कश्मीर में उत्पाद हुई करीब 24 टन चेरी की खेप मात्र 30 घंटे में कटड़ा से मुंबई तक पहुंचेगी। शनिवार को स्टेशन अधीरक्ष जुगल किशोर शर्मा, हॉर्टिकल्चर विभाग के अधिकारी विजय अत्री के नेतृत्व में पार्सल कोच 12472 कटड़ा बांद्रा ट्रेन के साथ अटैच होकर रवाना हुआ। यह वैगन कोच ट्रैन के साथ 1,883 किलोमीटर का सफर 30 घंटों में तय करेगा जबकि सड़क मार्ग से चेरी की ढुलाई में 7 दिन तक का समय लग जाता था।
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कटड़ा रेलवे स्टेशन और मुंबई के बांद्रा के बीच पार्सल वैन का पहला संचालन शनिवार को हुआ। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी पार्सल कोच कटड़ा से चेरी लेकर मुंबई की और रवाना होंगे। माना जा रहा है कि बढ़ते तापमान, उपज का परिवहन जैसी समस्याओं के जूझते कश्मीर के चेरी उत्पादकों के लिए यह एक बहुत बड़ी पहल होगी। यह भी माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कश्मीर के साथ-साथ जम्मू संभाग की फलों की उपज भी ट्रेन से देश के अन्य राज्यों तक पहुंच सकेगी।
बताते चलें कि कश्मीर में हर साल 10 से 12 हजार मीट्रिक टन चेरी का उत्पादन होता है। कश्मीर के श्रीनगर, गंदेरबल, शोपियां, बांदीपोरा और बारामूला जिलों में चेरी का रकबा 2,800 हैक्टेयर में है। घाटी के चेरी उत्पादक अभी तक समय से चेरी की डिलीवरी के लिए रेलवे परिवहन की कमी का सामना कर रहे थे। परंतु मौजूदा समय में जम्मू मंडल की प्रयासों के चलते उन्हें सफलता मिली है। इस फल के कम शेल्फ जीवन के कारण सड़क परिवहन में देरी से अक्सर उत्पादकों को भारी नुकसान होता है। दूसरी ओर हवाई मार्ग से उपज की ढुलाई अधिकतर चेरी उत्पादकों के लिए महंगा विकल्प है।
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