जड़ से खत्म होगा आतंकवाद, पुंछ के साथ-साथ इस जिले में भी सर्च ऑपरेशन चला रहे सुरक्षाबल

Edited By Sunita sarangal, Updated: 08 Feb, 2025 02:14 PM

search operation in kathua

सूत्रों के मुताबिक यह अभियान आतंकवादियों की गतिविधियों को रोकने और पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं की साजिशों को नाकाम करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।

हीरानगर(लोकेश): जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए सुरक्षाबलों ने कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान छेड़ दिया है।

शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस और बी.एस.एफ. ने हीरानगर सैक्टर के सीमावर्ती गांव कोटपुन्नू, खंदवाल, गुज्जर डेरा, जजली एवं अन्य इलाकों में संयुक्त अभियान चलाया। इन अभियानों का उद्देश्य आतंकवादी गतिविधियों को रोकना और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की घुसपैठ को नाकाम करना है।

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सुरक्षाबलों ने नियंत्रण रेखा के घने जंगलों से लेकर अंतर्राष्ट्रीय सीमा के मैदानी इलाकों तक तलाशी अभियान तेज कर दिए हैं। विशेष रूप से ये अभियान उन आतंकवादियों को निशाना बना रहे हैं जो पिछले साल कठुआ के बिलावर, मछेडी और हीरानगर सैक्टर के सैंडा व सोहाल इलाकों में आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं।

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सूत्रों के मुताबिक यह अभियान आतंकवादियों की गतिविधियों को रोकने और पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं की साजिशों को नाकाम करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। तलाशी अभियान के दौरान यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आतंकवादी एक जगह से दूसरी जगह भागने में सफल न हो पाएं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और बी.एस.एफ. के संयुक्त प्रयास से चल रहे अभियानों का फोकस किश्तवाड़, डोडा और राजौरी जिलों पर भी है। इन जिलों में चिनाब घाटी क्षेत्र के घने जंगलों में तलाशी अभियान तेजी से चलाए जा रहे हैं। आने वाले महीनों में सुरक्षाबल इन अभियानों को और व्यापक स्तर पर तेज करेंगे।

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जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने कठुआ जिले के हीरानगर सैक्टर के मनियारी बॉर्डर आउट पोस्ट पर बी.एस.एफ., पुलिस और सी.आर.पी.एफ. के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए थे।

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आतंकवाद की बदलती रणनीति व सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई

सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2021 से राजौरी और पुंछ में आतंकियों ने घातक हमले किए। 2022 में इनकी गतिविधियां जम्मू क्षेत्र के 6 अन्य जिलों तक फैल गईं। पिछले साल हुए आतंकी हमलों में 18 सुरक्षाकर्मी शहीद और 44 आम नागरिक मारे गए। जबकि सुरक्षाबलों ने 15 से अधिक आतंकियों को मार गिराया।

हालांकि, 2024 में राजौरी और पुंछ में आतंकी घटनाओं में कमी आई, लेकिन रियासी, डोडा, किश्तवाड़, कठुआ, उधमपुर एवं जम्मू में हुई घटनाओं ने सुरक्षा एजैंसियों को सतर्क कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में चल रहे ये तलाशी अभियान यह स्पष्ट करते हैं कि सुरक्षाबल आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

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