Edited By Neetu Bala, Updated: 12 Jun, 2024 07:37 PM
जम्मू-कश्मीर यूटी में वीडीसी एस.पी.ओ. को नौकरी से हटाने के बाद गांवों की सुरक्षा पूरी तरह से कमजोर हो गई,
सांबा (अजय): कठुआ जिले के हीरानगर सैक्टर के सैडा गांव में आतंकवादियों के पहुंचने से एक बात पूरी तरह से साफ हो गई है कि जम्मू-कश्मीर यूटी में वीडीसी एस.पी.ओ. को नौकरी से हटाने के बाद गांवों की सुरक्षा पूरी तरह से कमजोर हो गई, जिसका नतीजा यह है कि पुलिस के सोर्स पूरी तरह से खत्म होते जा रहे हैं। कोरोना के बाद केंद सरकार द्वारा वीडीसी को खत्म करके विलेज डिफैंस ग्रुप बना दिया, जिससे एसपीओ का वेतन 18 हजार से मात्र 4500 रुपए प्रति महीने कर दिया और वीडीजी सदस्य का वेतन चार हजार रुपए कर दिया। वहीं इस वीडीजी के गठन का सभी एसपीओ ने विरोध किया और कोर्ट में केस कर दिया और किसी ने भी नौकरी ज्वाइन नहीं की, जिसके चलते मौजूदा समय में ही कई पुलिस चौकियां और थाने पूरी तरह से खाली हैं। वहीं सरकार की इस बात पर सिर्फ वीडीजी सदस्य ने ही अमल करके नौकरी ज्वाइन की, लेकिन उनके पास कोई सरकारी गन नहीं है, जबकि एसपीओ के पास गन मौजूद थी ।
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आलम यह है कि यूटी के ज्यादातर हिस्सों के वीडीसी एसपीओ इन दिनों अपने घरों व परिवार का पालन पोषण करने के लिए दिहाड़ी लगा रहे हैं, जबकि पहले वे पुलिस की मजबूत डाल बनकर काम करते थे और अपने गांवों में रात के समय पहरा और कई प्रकार की गुप्त सुचनाएं भी अधिकारियों तक पहुंचाते थे। वहीं मौजूद समय में गांवों में किसी भी प्रकार का रात के समय पहरा नहीं है, जिससे अब यह आतंकवादी लंबा सफर तय करके आसानी से आगे जा रहे हैं।