Edited By Sunita sarangal, Updated: 06 Nov, 2024 03:51 PM
खंडहर हो चुकी इमारत अब जहरीले सांपों का घर बन चुकी है। कई बार तो सांप लोगों के घरों में घुस जाते हैं जिससे लोग परेशान हैं।
आर.एस. पुरा(मुकेश): आर.एस. पुरा रेलवे स्टेशन का निर्माण 1867 में हुआ था। तब सियालकोट से चलकर ट्रेन आर.एस. पुरा-मीरां साहिब से होते हुए बिक्रम चौक जम्मू तक जाती थी, जहां स्टेशन को जम्मू तवी के नाम से जाना जाता था। विभाजन के बाद देश के 2 टुकड़े हए और ट्रेन भी बंद हो गई। अब न तो ट्रेन की छुक-छुक सुनाई देती है और न ही यात्री दिखाई देते हैं। खंडहर इमारत जोकि इस 167 साल पुराने रेलवे स्टेशन की मौजदूगी की गवाही दे रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि रेलवे स्टेशन की इमारत की हालत बहुत खस्ता हो चुकी है। हालांकि, कुछ वर्ष पूर्व सरकार ने इस रेलवे स्टेशन को हेरिटेज के तौर पर विकसित करने का निर्णय तो लिया, मगर यह प्रोपोजल सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर रह गया। रेलवे स्टेशन की बात करें तो यह अब टूटी-फूटी इमारत के अलावा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है। कई फुट तक घास उगी हुई है।
जहरीले सांपों का घर बन चुकी है इमारत
स्थानीय वासी रमेश चौधरी के मुताबिक खंडहर हो चुकी इमारत अब जहरीले सांपों का घर बन चुकी है। कई बार तो सांप लोगों के घरों में घुस जाते हैं जिससे लोग परेशान हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि इस पुरानी विरासत को संभाल कर रखें, ताकि आने वाली पीढ़ी को पता चल सके कि यहां पर ट्रेन रुका करती थी। रेलवे स्टेशन में टिकट काउंटर के साथ रेलवे क्रॉसिंग जैसा लोहे का निशान जोकि कई वर्ष बीत जाने के बाद भी वहां पर स्थित है।
सियालकोट से आता था गन्ना
स्थानीय बुजुर्ग यशपाल, नजीर मस्सी ने बताया कि रेलवे स्टेशन करीब 150 वर्ष से ज्यादा पुराना है। पहले यहां पर करीब 10 मिनट ट्रेन रुका करती थी। आर.एस. पुरा में बुहत पुरानी मिल हुआ करती थी। सियालकोट से गन्ना आता था और जहां चीनी तैयार की जाती थी। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पुरानी धरोहर को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिएं, ताकि नई पीढ़ी को हम अपने इतिहास क बारे में बता सकें।
क्या विशेषता है इस रेलवे स्टेशन की
1. आर.एस. पुरा रेलवे स्टेशन सियालकोट-जम्मू रेलखंड पर था।
2. यह स्टेशन 1867 के आसपास बना था।
3. इस स्टेशन से सियालकोट जंक्शन (पाकिस्तान), वज़ीराबाद और नारोवाल (पाकिस्तान) के लिए ट्रेनें चलती थीं।
4. ट्रेन आखिरी बार 1947 में आर.एस. पुरा रेलवे स्टेशन पर रुकी थी।
5.1947 के बाद राज्य देश के बाकी हिस्सों से सिर्फ आर.एस.पुरा के जरिए रेल के माध्यम से जुड़ा हुआ था।
6. राज्य में यह रेल मार्ग 1947 के बाद बंद हो गया।
7. सूत्रों की मानें तो पाक देश ने सियालकोट रेल लाइन को और विकसित किया और अब इसका इस्तेमाल पाकिस्तान करता है।