Edited By Neetu Bala, Updated: 15 Jun, 2025 01:30 PM

पिछले करीब एक साल से शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती चुनाव भी लंबित पड़े हैं।
जम्मू : केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में कई लोकतांत्रिक संस्थानों के चुनाव लंबित हैं। विधानसभा चुनाव पिछले साल संपन्न होने के बावजूद राज्यसभा की 4 सीटें अभी भरी जानी बाकी हैं। वहीं विधानसभा की 2 सीटों पर उप चुनाव के लिए भी अभी कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। इसी तरह पिछले करीब एक साल से शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती चुनाव भी लंबित पड़े हैं।
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आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 2021 में राज्यसभा के लिए चुनाव हुए थे। उस समय जम्मू कश्मीर में उप-राज्यपाल शासन था और विधानसभा भंग पड़ी हुई थी। करीब 10 साल के बाद 2024 में जम्मू कश्मीर में 90 सीटों पर विधानसभा चुनाव हुए। चुनाव होने के 8 महीने के बावजूद अभी तक राज्यसभा की जम्मू-कश्मीर में खाली पड़ी 4 सीटें भरी नहीं गई हैं और न ही चुनाव के लिए कोई अधिसूचना जारी हुई है। वहीं नगरोटा से निर्वाचित विधायक देवेंद्र सिंह के निधन से यह सीट खाली हो गई और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बड़गाम विधानसभा सीट को खाली करने से विधानसभा में 2 सीटें पिछले 8 महीने से खाली पड़ी हुई हैं और इन पर उपचुनाव की अधिसूचना का राजनीतिक दल बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
जमीनी स्तर के लोकतांत्रिक संस्थानों में पंचायतों के लिए पंच व सरपंचों के चुनाव एक साल से ज्यादा समय से खाली पड़े हुए हैं और यही हाल शहरी स्थानीय निकायों का भी है। एक साल से जमीनी स्तर के लोकतांत्रिक संस्थानों के लिए चुनाव लंबित पड़े हुए हैं। आल जम्मू कश्मीर पंचायत कांफ्रैंस के अध्यक्ष अनिल शर्मा का कहना है कि पंचायतों समेत सभी लंबित चुनाव जल्द होने चाहिएं ताकि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र मजबूत हो सकें। उनका कहना है कि चुनाव में देरी की वजह से आम लोगों की आवाज प्रशासन तक पहुंचाने में परेशानी आ रही है।
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