Edited By VANSH Sharma, Updated: 13 May, 2025 05:14 PM

इस दूर-दराज़ लेकिन खूबसूरत इलाके में जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है।
गुरेज़ (मीर आफताब) : उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा जिले के सीमावर्ती इलाके गुरेज़ घाटी के लोग हाल ही में हुए भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम समझौते के बाद राहत और उम्मीद महसूस कर रहे हैं। नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलाबारी थमने के बाद, इस दूर-दराज़ लेकिन खूबसूरत इलाके में जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है।
हफ़्तों तक सीमा पर तनाव के कारण बंद रहे दुकानें और बाजार अब फिर से खुल गए हैं। इससे स्थानीय व्यापारियों और दिहाड़ी मजदूरों के बीच सामान्य स्थिति और उम्मीद की भावना लौट आई है। स्थानीय लोग आशा कर रहे हैं कि गुरेज़ घाटी में सुरक्षा चिंताओं के चलते बंद पड़े स्कूल भी जल्द ही खुलेंगे, ताकि बच्चे बिना डर के अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
लोगों का मानना है कि संघर्षविराम से घाटी में शांति और विकास का एक नया अवसर मिला है। उन्होंने सरकार से गुरेज़ में पर्यटन को फिर से शुरू करने की मांग की है, जो हाल ही में पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
एक स्थानीय दुकानदार ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अधिकारी गुरेज़ घाटी में पर्यटकों को आने की अनुमति देंगे। इससे न केवल हमारी अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी बल्कि हमारे क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि भी दुनिया के सामने आएगी।
अपनी सुंदर वादियों, हरे-भरे मैदानों और समृद्ध विरासत के लिए मशहूर गुरेज़ घाटी लंबे समय से एक संभावित पर्यटन स्थल रही है। अब लोग संघर्षविराम को स्थानीय पर्यटन को पुनर्जीवित करने और क्षेत्र में विकास और रोजगार के अवसर लाने का मौका मान रहे हैं। शांति बनी रहने पर, गुरेज़ के लोग आशावान हैं कि यह नई शुरुआत घाटी में स्थायी स्थिरता और समृद्धि लेकर आएगी।