Edited By Sunita sarangal, Updated: 25 Jul, 2024 10:18 AM
निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए जम्मू-कश्मीर पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (पी.डी.डी.) के प्रवक्ता ने बताया कि वितरण कंपनियों के खर्च का एक बड़ा हिस्सा बिजली खरीद लागत से बनता है
जम्मू/श्रीनगर: बिजली उपभोक्ताओं को एक बड़ी राहत देते हुए जम्मू-कश्मीर पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (पी.डी.डी.) ने बुधवार को घोषणा की कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने बिजली बिलों पर सब्सिडी के रूप में अपना समर्थन जारी रखते हुए चालू वित्त वर्ष (2024-25) में बिजली दरों में किसी भी प्रकार की वृद्धि न करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए जम्मू-कश्मीर पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (पी.डी.डी.) के प्रवक्ता ने बताया कि वितरण कंपनियों के खर्च का एक बड़ा हिस्सा बिजली खरीद लागत से बनता है, जो कोयले की कीमतों में वृद्धि के कारण दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इसलिए बिजली खरीद लागत में इस तरह की बढ़ोतरी बिजली दरों में भी वृद्धि की मांग करती है। इसके अलावा वितरण कंपनियों को अपने विस्तारित बुनियादी ढांचे के लिए ओ. एंड एम. लागत जैसे अन्य बड़े व्यय भी करने पड़ते हैं।
उन्होंने बताया कि वितरण कंपनियों द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव संयुक्त विद्युत नियामक आयोग (जे.ई.आर.सी.) को मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया गया है, लेकिन सरकार के फैसले से संकेत मिलता है कि उपभोक्ताओं के लिए प्रभावी रूप से कोई टैरिफ वृद्धि नहीं होगी और उस खाते में अनुमानित नुकसान सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। वित्त वर्ष 2023-24 के टैरिफ संशोधन में मीटर वाले उपभोक्ताओं को 15 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि का सामना करना पड़ा। सरकार ने ऊर्जा शुल्क पर 15 प्रतिशत बिजली शुल्क हटाकर इसे संतुलित कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उपभोक्ता बिलों में कोई शुद्ध वृद्धि नहीं हुई। इसी तरह चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के लिए जम्मू और कश्मीर ने फिर से बिजली दरों में वृद्धि करने से परहेज किया है।