आजादी के इतने सालों बाद भी मिट्टी और पत्थरों के घरों में रह रहे इस जिले के निवासी, पक्के आशियानों का कर रहे इंतजार

Edited By Sunita sarangal, Updated: 13 Sep, 2024 01:04 PM

naushera people do not have permanent houses

दर्जनों ऐसे परिवार हैं जिन्हें इस योजना का अनुदान नहीं मिला है, जिस कारण वे आज भी गरीबी में जीवन जीने को मजबूर हैं।

राजौरी: राजौरी के नौशहरा उप जिले में अभी भी ऐसे कई गरीब लोग हैं, जिन्हें अभी तक प्रधानमंत्री आवाज योजना के तहत सरकारी अनुदान नहीं दिया गया है, जिस कारण वे उप जिले में मिट्टी और पत्थरों से बने कच्चे घरों में रहने को मजबूर हैं। आजादी के 75 साल बाद भी ऐसे कई गांव हैं, जहां गरीब लोग मिट्टी और पत्थर के घरों में रहते हैं तथा प्रधानमंत्री आवास योजना से सरकारी अनुदान का इंतजार कर रहे हैं।

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ग्रामीण विकास विभाग और निदेशक ग्रामीण द्वारा लगभग 150,000 रुपए और 200,000 रुपए जारी किए जाते हैं। शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीब लोगों के लिए आवास बनाने का लक्ष्य है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कई परिवारों को इस योजना का लाभ नहीं मिला है। दर्जनों ऐसे परिवार हैं जिन्हें इस योजना का अनुदान नहीं मिला है, जिस कारण वे आज भी गरीबी में जीवन जीने को मजबूर हैं। नौशहरा के दब्बड़ पोठा, सियाल, मंग्योट, धाल, सिंबल आदि में दर्जनों परिवार हैं जिन्हें सरकारी अनुदान का इंतजार है। उन्होंने राज्यपाल प्रशासन से अपील की है कि वे संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को सरकारी अनुदान देने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करें।

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