Kupwada: खतरों भरा सफर, जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर लोग

Edited By Neetu Bala, Updated: 22 Jun, 2024 03:26 PM

kuwada a journey full of dangers people forced to cross the river

ठेकेदार द्वारा कुछ शुरुआती काम के बावजूद, परियोजना को छोड़ दिया गया है।

कुपवाड़ा ( मीर आफताब ) : हंदवाड़ा के बटागुंड, मावर और लंगेट के निवासी डर के साय में जी रहे हैं और गंडाबल जैसी त्रासदी की आशंका को लेकर चिंतित हैं। क्योंकि लंगेट में दो पुल “दांद कदल” (बुल्स ब्रिज) और बटागुंड ब्रिज क्रमशः तीन साल और एक साल पहले बह जाने के बाद से निष्क्रिय हैं। जिस कारण अब स्थिति यह है कि स्थानीय लोग तेज बहाव वाले नाले मावर को पार करने के लिए मजबूर हैं जो कि काफी जोखिम भरा है।

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स्थानीय निवासियों के अनुसार, बटागुंड पुल तीन साल पहले क्षतिग्रस्त हो गया था और उसके बाद से वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए बंद कर दिया गया था। हालांकि उस समय प्रशासन ने शीघ्र मुरम्मत का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन साल बाद भी पुल अधूरा है।

लंगेट में प्रतिष्ठित दांद कदल के बारे में स्थानीय लोगों का आरोप है कि ठेकेदार द्वारा कुछ शुरुआती काम के बावजूद, परियोजना को छोड़ दिया गया है। उनका दावा है कि नाले मावर पर रोजाना क्रॉसिंग करना काफी जोखिम भरा है, क्षतिग्रस्त पुल को पार करते समय अतीत में दो व्यक्ति घायल हो चुके हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "पहले लोग पुल पार कर सकते थे, लेकिन ठेकेदार ने पहले से क्षतिग्रस्त पुल के स्लैब को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे उस पर चलने वालों के लिए खतरा और बढ़ गया।" उन्होंने सवाल उठाया कि यदि पुल को पूरा करने की तत्काल कोई योजना नहीं थी, तो स्लैब को क्यों क्षतिग्रस्त किया गया। उन्होंने प्रशासन से इन पुलों का जल्द से जल्द निर्माण करने की मांग की है।

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