Edited By Sunita sarangal, Updated: 03 Oct, 2024 11:07 AM
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंतिम चरण में हुए चुनाव में जम्मू जिले के सभी दलों के उम्मीदवारों की चिंता बढ़ा दी है।
जम्मू: जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंतिम चरण में हुए चुनाव में जम्मू जिले के शहरी इलाकों में कम मतदान को लेकर सभी दलों के उम्मीदवारों की चिंता बढ़ा दी है। कम मतदान को लेकर पार्टी कार्यकर्त्ताओं से फीडबैक के साथ कारणों एवं पहलुओं पर गौर किया जा रहा है।
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मंगलवार को सम्पन्न हुए चुनावों में जम्मू शहर के 3 विधानसभा क्षेत्रों में कम मतदान को लेकर राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर विश्लेषण कर रहे हैं। जम्मू की बाहू सीट पर 58 प्रतिशत, जम्मू नार्थ में 61 प्रतिशत, जम्मू वेस्ट में 57 प्रतिशत और जम्मू ईस्ट में 61 प्रतिशत के करीब मतदान हुआ है। उम्मीद से कम मतदान के चलते भाजपा, कांग्रेस एवं अन्य दल इसके लिए विश्लेषण कर रहे हैं कि लोग वोट डालने किस कारण नहीं निकले।
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राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार उम्मीदवारों का देरी से चयन, उम्मीद के अनुसार उम्मीदवारों को टिकट न मिलना एवं मतदान के दिन जोरदार ढंग से प्रयास न करना भी कम मतदान का कारण माना जा रहा है। प्रमुख दलों की ओर से पोलिंग बूथ पर बैठाए पोलिंग एजैंटों ने पहले उस ढंग से प्रयास नहीं किए कि वोटरों को घरों से निकालाए जाए। जब कम मतदान का दबाव पड़ा तो कुछ हलचल हुई। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। जिस ढंग से पहले दो चरणों में कश्मीर और जम्मू संभाग के विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ, उससे उम्मीद जगी कि शहरों में भी अधिक मतदान होगा। पहले कम मतदान के रुझान को देखते हुए राजनीतिक दलों के कार्यकर्त्ता घर-घर से वोटर को मतदान केंद्र तक ले आते थे ताकि मतदान प्रतिशत बढ़े। लेकिन अब तीर कमान से निकल चुका है और अब 8 अक्तूबर को हार जीत का पता चलेगा।
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