Edited By Neetu Bala, Updated: 23 Jul, 2025 08:02 PM

जम्मू-कश्मीर में नैशनल कांफ्रैंस और कांग्रेस गठबंधन में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं।
जम्मू : जम्मू-कश्मीर में नैशनल कांफ्रैंस और कांग्रेस गठबंधन में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं। सरकार के गठन से ही कांग्रेस ने मंत्रिमंडल में जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने तक शामिल होने से इंकार किया हुआ है। मंत्रिमंडल में नौ में से तीन मंत्रियों के पद रिक्त पड़े हुए थे। इन पदों को अब नैशनल कांफ्रैंस अपने कोटे के विधायकों से ही भरने की तैयारी में जुट गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहले ही कह चुके हैं और राज्य का दर्जा बहाली के कांग्रेस के जम्मू कश्मीर से लेकर नई दिल्ली तक में प्रदर्शन के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई।
वहीं कांग्रेस के नेताओं की टीम नई दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन के बाद बुधवार को जम्मू वापस लौट आई है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रमण भल्ला का कहना है कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से राज्य का दर्जा छीनकर लोगों की भूमि और रोजगार को छीनने का काम भी किया है। जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य का दर्जा जल्द वापस चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कई बार सही वक्त पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया, लेकिन छह साल होने पर भी राज्य का दर्जा वापस नहीं मिला। विधानसभा चुनाव हुए भी अब 9 महीने हो चुके हैं। ऐसे में लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है और कांग्रेस जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए प्रतिबद़्ध है। कांग्रेस राज्य का दर्जा बहाली के लिए लड़ाई लड़ रही है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में नैशनल कांफ्रैंस को 44 और कांग्रेस को छह सीटों पर जीत दर्ज हुई थी और 90 सदस्यीय विधानसभा में इस गठबंधन को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ। चुनाव परिणाम के बाद पांच निर्दलीय विधायकों ने भी नैशनल कांफ्रैंस को समर्थन दिया। ऐसे में नैशनल कांफ्रैंस की सरकार पिछले नौ महीने से जम्मू कश्मीर में सत्तासीन है। लेकिन नैशनल कांफ्रैंस और कांग्रेस की समन्वय कमेटी की बैठकें न तो नियमित आधार पर हो रही हैं और न ही कांग्रेस को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए नैशनल कांफ्रैंस की तरफ से कोई प्रयास किया जा रहा है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here