Edited By Sunita sarangal, Updated: 03 Jan, 2025 10:27 AM
उन्होंने आगे कहा कि उनका मानना है कि इस विरोध-प्रदर्शन को आयोजित करने के लिए जनवरी से बेहतर कोई समय नहीं है
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी पार्टी के लोकसभा सदस्य आगा रूहुल्ला मेहदी के बीच गुरुवार को जुबानी जंग छिड़ गई। पिछले महीने उमर अब्दुल्ला के घर के बाहर आरक्षण विरोधी प्रदर्शन में मेहदी के शामिल होने को लेकर यह बयानबाजी हुई।
यहां पत्रकारों से बातचीत में अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मेहदी लोकसभा सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए दिल्ली में भी इसी तरह का प्रदर्शन करेंगे।
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श्रीनगर से नैशनल कॉन्फ्रैंस के सांसद मेहदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए इस ‘चुनौती' को स्वीकार किया। उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें राज्य के दर्जे की बहाली के लिए दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन करने की इच्छा के बारे में पता चला है। वह इस तरह के विरोध-प्रदर्शन में भाग लेने के लिए तैयार हैं और राज्य के दर्जे को प्राथमिकता देने वालों को इसे आयोजित करने के लिए आमंत्रित करते हैं। वह कम से कम 100 से अधिक सांसदों का समर्थन जुटाने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि उनका मानना है कि इस विरोध-प्रदर्शन को आयोजित करने के लिए जनवरी से बेहतर कोई समय नहीं है, जब भारत का संविधान - वह दस्तावेज जिसने हमारे विशेष दर्जे को सुनिश्चित किया - अपनाया गया था।
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मेहदी ने संविधान के अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ाई को प्राथमिकता देने पर जोर देते हुए कहा कि 2019 के बाद से उनका राजनीतिक रुख बिल्कुल साफ है। उन्होंने कहा कि बड़गाम में उनकी शुरूआती सार्वजनिक सभाओं में से एक में और फिर पूरे कश्मीर में अन्य सभाओं में और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के निरस्त होने के बाद उनके साक्षात्कारों में उन्होंने अपने लोगों से कहा कि उनकी लड़ाई 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर के लोगों के सम्मान के लिए होनी चाहिए।
इससे पहले अब्दुल्ला ने कहा था कि वह मेहदी से वैसे ही बात करते हैं जैसे वह अपनी पार्टी के अन्य सहयोगियों से करते हैं। जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या दोनों नेताओं के बीच बातचीत टूट गई है, तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि वह पहले उन्हें गुड मॉर्निंग के मैसेज भेजते थे। वह उनसे वैसे ही बातचीत करते हैं जैसे वह अपने अन्य सहयोगियों से करते हैं।
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