Edited By VANSH Sharma, Updated: 09 Dec, 2025 05:41 PM

इंडिगो एयरलाइंस में पायलटों की कमी और आराम से जुड़े नियमों (FDTL/FRMS) के उल्लंघन के चलते उड़ानें रद्द होने के बाद अब भारतीय रेलवे पर भी बड़ा संकट मंडराता दिख रहा है।
जम्मू-कश्मीर डेस्क: इंडिगो एयरलाइंस में पायलटों की कमी और आराम से जुड़े नियमों (FDTL/FRMS) के उल्लंघन के चलते उड़ानें रद्द होने के बाद अब भारतीय रेलवे पर भी बड़ा संकट मंडराता दिख रहा है। देश की लाइफलाइन मानी जाने वाली रेलवे के लोको पायलटों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में ट्रेन संचालन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है।
लोको पायलटों का कहना है कि रेलवे में लंबे समय से स्टाफ की भारी कमी है, जिसके कारण मौजूदा पायलटों को लगातार लंबी ड्यूटी करनी पड़ रही है। यूनियनों का आरोप है कि बिना वैज्ञानिक रोस्टर और पर्याप्त आराम के इतने विशाल रेल नेटवर्क को सुरक्षित तरीके से चलाना संभव नहीं है। पायलटों ने तीन प्रमुख मांगें रखी हैं—ड्यूटी घंटे तय किए जाएं, थकान रोकने वाले वैज्ञानिक नियम लागू हों और खाली पड़े पदों पर तत्काल भर्ती की जाए।
पायलटों का दावा है कि बढ़ता कार्यभार उनकी थकान को खतरनाक स्तर तक पहुंचा रहा है, जिससे हादसों का जोखिम बढ़ गया है. उनका कहना है कि यदि थका हुआ पायलट ट्रेन चलाएगा तो हादसे होना तय है। इंडिगो जैसी स्थिति अगर रेलवे में पैदा हुई तो इसका असर कहीं अधिक गंभीर होगा, क्योंकि लाखों यात्री, व्यापार और देश की सप्लाई चेन प्रतिदिन रेल पर निर्भर करती है। लोको पायलटों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो देशभर में ट्रेन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं और रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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