Mata Vaishno Devi यात्रा पर Shrine Board का अहम कदम... भक्तों को नहीं होगी परेशानी

Edited By Neetu Bala, Updated: 09 Apr, 2025 07:33 PM

shrine board takes an important step on mata vaishno devi yatra

बोर्ड द्वारा अब तक 40 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं।

कटड़ा (अमित) : श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने माता वैष्णो देवी तीर्थ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए टिहरी हाइड्रो डिवैल्पमैंट कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड (टी.एच.डी.सी.आई.एल.) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जी.एस.आई.) के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह निर्णय उप-राज्यपाल जम्मू-कश्मीर मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड की बैठक में लिया गया, जिसका उद्देश्य उन्नत भू-तकनीकी और भूभौतिकीय जांच के माध्यम से यात्रा मार्ग की दीर्घकालिक सुरक्षा और लचीलापन सुनिश्चित करना है। एम.ओ.यू. पर एस.एम.वी.डी.एस.बी. के अतिरिक्त सी.ई.ओ. आलोक कुमार मौर्य, टी.एच.डी.सी.आई.एल. के महाप्रबंधक डिजाइन (सिविल-II) डॉ. नीरज अग्रवाल और जी.एस.आई. (एन.आर.) के उप महानिदेशक संजीव कुमार ने एस.एम.वी.डी.एस.बी. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्राइन बोर्ड अंशुल गर्ग, टी.एच.डी.सी.आई.एल. और जी.एस.आई. के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

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एम.ओ.यू. में तीर्थयात्रा मार्ग से एकत्रित डाटा का उपयोग भूस्खलन और चट्टानों के गिरने से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए प्रभावी उपायों को विकसित करने और लागू करने के लिए किया जाएगा। सांझेदारी तीनों संगठनों के बीच विशेषज्ञता और संसाधनों को सांझा करने की सुविधा भी प्रदान करेगी। समझौते में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जी.एस.आई.) की करीबी निगरानी में किए गए कार्यों के निष्पादन के साथ उपचार उपायों के लिए विशेष रूप से अर्धकुंवारी से भवन यात्रा मार्ग पर ढलान अस्थिरता के क्षेत्रों की पहचान और चित्रण करने के लिए एक व्यापक एल.आई.डी.ए.आर. सर्वेक्षण आयोजित करना भी शामिल है।

उल्लेखनीय है कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बने पत्थरों और भूस्खलन से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए श्राइन बोर्ड 2012 से टी.एच.डी.सी.आई.एल. के साथ काम कर रहा है। टी.एच.डी.सी.आई.एल. ने अब तक 28 स्थलों का उपचार और स्थिरीकरण किया है, जिन्हें यात्रा मार्ग पर भूस्खलन और पत्थर गिरने के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में पहचाना गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में रॉकफॉल बैरियर, वायर मेश, कंक्रीट कार्य, ड्रिलिंग, ग्राऊटिंग और एंकरिंग सहित प्रभावी उपाय लागू किए गए हैं, जिसके लिए बोर्ड द्वारा अब तक 40 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं।

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