Edited By Neetu Bala, Updated: 03 Jan, 2025 07:05 PM
यह घटनाक्रम उस समय हुआ है जब दोनों देशों के बीच डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों से सैन्य वापसी पर सहमति बनी थी।
जम्मू डेस्क: भारत ने चीन द्वारा होटन प्रांत में दो नई काउंटियों की स्थापना की घोषणा पर कड़ा विरोध जताया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इन तथाकथित काउंटियों के अधिकार क्षेत्र के कुछ हिस्से भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं। विदेश मंत्रालय ने इस कदम को भारत के क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन करार दिया और कहा कि भारत कभी भी इस क्षेत्र पर चीन के अवैध कब्जे को स्वीकार नहीं करेगा।
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भारत ने यह भी कहा कि नई काउंटियों के निर्माण से भारत की संप्रभुता पर कोई असर नहीं पड़ेगा और चीन के अवैध कब्जे को वैधता नहीं मिलेगी। मंत्रालय ने बताया कि इस मुद्दे पर कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से चीन को भारत का गंभीर विरोध दर्ज कराया गया है।
यह घटनाक्रम उस समय हुआ है जब दोनों देशों के बीच डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों से सैन्य वापसी पर सहमति बनी थी। साथ ही, चीन की तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर विशाल बांध बनाने की योजना को लेकर भारत की चिंता भी बढ़ी है। विदेश मंत्रालय ने इस पर निगरानी रखने की बात कही और अपने हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने का संकेत दिया है।
इसके अलावा, डोकलाम क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर भी चिंता जताई गई है। हालिया सैटेलाइट डेटा से पता चला है कि चीन ने डोकलाम पठार के पास नए गांवों का निर्माण किया है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले आठ वर्षों में 22 नए गांव विकसित किए गए हैं, जिनमें से आठ गांव 2020 से डोकलाम क्षेत्र के पास बने हैं, जो भूटान के साथ विवादित क्षेत्र में आते हैं।
इन घटनाओं को देखते हुए भारत अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह सजग और सक्रिय है।
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