Edited By Sunita sarangal, Updated: 06 Nov, 2024 02:32 PM
अधिकारियों को सत्यापन प्रक्रिया के दौरान सटीकता और दक्षता सुनिश्चित करने और नागरिकों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के उनके अधिकार के बारे में जागरूक करने का निर्देश दिया गया है
जम्मू-कश्मीर: पंचायती चुनावों की प्रक्रिया शुरू करने के लिए राज्य चुनाव आयोग (एस.ई.सी.) द्वारा अगामी 6 जनवरी तक संशोधित सूची प्रकाशित करने के संबंधी जारी किए गए निर्देश के उपरांत जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 11 नवंबर से मतदाता सूची को अपडेट करने को हरि झंडी दिखा दी है।
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उल्लेखनीय है कि एस.ई.सी. ने हाल ही में पंचायत चुनावों के मद्देनजर मतदाता सूची के विशेष संशोधन के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों के अनुसार गत सप्ताह एस.ई.सी. द्वारा आधिकारिक अधिसूचना जारी किए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश के सभी 20 जिला उपायुक्तों द्वारा संशोधन प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। जिला पंचायत चुनाव अधिकारियों (डी.पी.ई.ओ.) ने अधिकारियों को प्रमुख चरणों के साथ रोल अपडेट करने का निर्देश दिया है जिसमें नए पात्र मतदाताओं को जोड़ने के अलावा मौजूदा मतदाता जानकारी को अपडेट करने तथा अयोग्य प्रविष्टियों को हटाना शामिल है।
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अधिकारियों को सत्यापन प्रक्रिया के दौरान सटीकता और दक्षता सुनिश्चित करने और नागरिकों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के उनके अधिकार के बारे में जागरूक करने का निर्देश दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विशेष रूप से नए पात्र मतदाता पंजीकृत हों और अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम हों। इस प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न होने वाली किसी भी विसंगति या शिकायत का तुरंत समाधान किए जाने के लिए भी कहा गया है।
पंचायत मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन के हिस्से के रूप में अगामी 11 नवंबर को एक मसौदा प्रकाशित किया जाएगा। दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अवधि 11 नवंबर से 9 दिसंबर तक चलेगी। जन भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए 16 नवंबर से 1 दिसंबर तक विशेष शिविर निर्धारित किए गए हैं और 24 दिसंबर तक दावों और आपत्तियों का समाधान किया जाएगा। इसके उपरांत वर्ष 2024 के लिए अंतिम पंचायत मतदाता सूची अगले साल 6 जनवरी को प्रकाशित की जाएगी।
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उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में कई वर्षों के अंतराल के बाद वर्ष 2018 में पंचायत चुनाव हुए थे जिसके उपरांत पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल इस साल 9 जनवरी को समाप्त हो गया था। 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद यह पहला पंचायत चुनाव होगा जिसमें केंद्र शासित प्रदेश में लगभग 4490 सरपंचों सहित लगभग 35 हजार पंचायत प्रतिनिधि चुने जाएंगे। हालांकि केंद्र द्वारा परिसीमन प्रक्रिया को प्राथमिकता दिए जाने के चलते स्थानीय निकाय एवं पंचायत चुनावों के सही समय पर अभी संशय बना हुआ है।
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