Edited By Kamini, Updated: 03 Dec, 2024 12:41 PM
कई महीनों से सूखें से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर के मौसम में भारी बदलाव देखने क मिल रहा है। आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ने का पूर्वानूमान है।
जम्मू-कश्मीर डेस्क : कई महीनों से सूखें से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर के मौसम में भारी बदलाव देखने क मिल रहा है। आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ने का पूर्वानूमान है। वहीं मंगलवार सुबह तक ऊंचाई वाले इलाकों और छिटपुट इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है। इसके बाद 7 दिसंबर तक शुष्क मौसम लौटने की उम्मीद है। 8 दिसंबर को एक और बारिश की संभावना है, जिसमें ऊंचाई वाले इलाकों और अलग-अलग इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है।
मिली जानकारी के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में सर्दी बढ़ने के साथ ला नीना का प्रभाव भी तेज हो जाएगा। वहीं मौसम विभाग ने पंजाब और दिल्ली के मैदानी इलाकों सहित उत्तर भारत में ला नीना प्रभाव (La Nina effect) की भविष्यवाणी की है। भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मुख्तार ने ला नीना मौसम प्रभाव की शुरुआत की पुष्टि की है। जानकारी के मुताबिक, इस साल कश्मीर में सामान्य से अधिक ठंड और बारिश होने का अनुमान है। दिसंबर महीने के मध्य से ला नीना का प्रभाव देखने को मिलेगा, जिसके भारी बारिश व ठंड बढ़ेगी।
क्या है ला नीना
ला नीना प्रशांत महासागर में होने वाला एक मौसम पैटर्न है। इस पैटर्न में, तेज हवाएं दक्षिण अमेरिका से इंडोनेशिया तक समुद्र की सतह पर गर्म पानी उड़ाती हैं। जैसे-जैसे गर्म पानी पश्चिम की ओर बढ़ता है, दक्षिण अमेरिका के तट के पास गहरे पानी से ठंडा पानी सतह पर आ जाता है। इसमें पूर्व से बहने वाली हवा तेज गति से चलती हैं, जिससे समुद्री सतह का तापमान कम हो जाता है। इससे उत्तर-पश्चिम में मौसम ठंडा होता है। आमतौर पर ला नीना दक्षिण पूर्व एशिया और आस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश की स्थिति पैदा करता है, लेकिन कश्मीर सहित दक्षिण एशिया में सर्दियों में ठंडी होती और अधिक बारिश होती है। इस बार के ला नीना का असर पूरी दुनिया में देखने को मिलेगा।
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