Edited By Neetu Bala, Updated: 22 Jan, 2025 08:16 PM
हमें लोगों के बीच जाकर उनकी परेशानियों के बारे में जानना होगा और उनका समाधान निकालना होगा।
जम्मू/श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर नेश्नल कांफ्रैंस (नेकां) के प्रधान एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने देश में ‘हिंदुओं के खतरे’ में होने के प्रचार की निंदा करते हुए कहा है कि भारत को बाहर से नहीं बल्कि भीतर से खतरा है। उन्होंने कहा, ‘आज भी देश हमसे अपनी आजादी को बनाए रखने के लिए बलिदान मांगता है। अगर हम ऐसा नहीं कर सकते तो हम भारत को नहीं बचा पाएंगे। भारत को बाहर से नहीं बल्कि देश के भीतर से खतरा है।’ जम्मू के रेजीडेंसी रोड़ स्थित नेकां मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए डा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमेशा कोई भीतर का व्यक्ति ही घर को नुकसान पहुंचाता है, कोई बाहरी नहीं। उन्होंने कहा कि यदि हमें इस घर को मजबूत करना है तो हमें स्वयं को मजबूत करना होगा। हमें लोगों के बीच जाकर उनकी परेशानियों के बारे में जानना होगा और उनका समाधान निकालना होगा।
किसी का नाम लिऐ बिना नेकां प्रधान ने कहा, ‘यह उनका प्रचार है कि हिंदू खतरे में हैं। मैं उनसे पूछता हूं कि यह कैसे संभव है जब पूरी आबादी में 80 प्रतिशत हिंदू हैं। ऐसा प्रचार केवल लोगों में डर पैदा करने के लिए किया जाता है।’ उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद जम्मू के रोजगार के अवसर ‘बाहर से आने वालों’ के पास जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अनुच्छेद 370 न केवल कश्मीर के लोगों के लिए बल्कि डोगरा लोगों की सुरक्षा के लिए भी लाया गया था। आज यहां रोजगार के अवसर बाहर से आने वालों को मिल रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि नेकां नेताओं पर उंगलियां उठाई गईं तथा जो मुस्लिम थे उन्हें पाकिस्तानी करार दिया गया।
उनका कहना था कि 75 साल बाद लोगों को समझ में आ गया है कि नेकां लोगों के लिए है। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) को जिम्मेदार ठहराते हुए डा. अब्दुल्ला ने कहा, ‘अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए पी.डी.पी. जिम्मेदार है। मैंने मुफ्ती साहब को भाजपा के साथ गठबंधन न करने का सुझाव दिया था, लेकिन वह सहमत नहीं हुए।’ केंद्र शासित प्रदेश में अपने गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के साथ नेकां के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस हमसे क्या चाहती है? हम उन्हें पूरा सम्मान दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर सरकार वैसी ही चलती रहेगी जैसी वह है तथा कोई भी इस सरकार पर अपनी शर्तें थोप नहीं सकता।’
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