Edited By Sunita sarangal, Updated: 28 Aug, 2024 12:22 PM
लगभग 3 दशक बाद ओपन हुई राजपूत बहुल साम्बा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र (70) सीट से पार्टी ने जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए सुरजीत सिंह सलाथिया को टिकट दी है।
जम्मू: भाजपा का गढ़ माने जाने वाले साम्बा जिले की साम्बा सीट से पार्टी ने सुरजीत सिंह सलाथिया, विजयपुर से चंद्र प्रकाश गंगा और रामगढ़ (सुरक्षित) से डॉ. देवेन्द्र मन्याल को मैदान में उतारा है। चूंकि तीनों हेवीवेट नेता थे, इसलिए पहले से ही इन तीनों को टिकट मिलने के कयास लगाए जा रहे थे। इन तीनों नेताओं के राजनीतिक करियर की पूरी जानकारी हम आपके साथ सांझा करने जा रहे हैं। सनद रहे कि परिसीमन के बाद जिले की 2 सीटों को 3 वि.स. सीटों में बांटा गया है और हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में इन तीनों सीटों पर भाजपा को बढ़त मिली है। इन तीनों सीटों के लिए 1 अक्तूबर को मतदान होगा। लोकसभा चुनावों में भाजपा को मिली बढ़त के चलते इन तीनों पूर्व मंत्रियों को टिकट दी गई है। भाजपा समेत अन्य दलों को आंतरिक कलह से जूझना पड़ रहा है।
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सुरजीत सिंह सलाथिया
लगभग 3 दशक बाद ओपन हुई राजपूत बहुल साम्बा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र (70) सीट से पार्टी ने जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए सुरजीत सिंह सलाथिया को टिकट दी है। लंबे समय तक नेकां से जुड़े रहे सलाथिया करीब 3 साल पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं। नेकां सरकारों में दो बार केबिनेट मंत्री रहे सलाथिया 1983 में भी साम्बा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। डिलिमिटेशन के चलते इस बार विजयपुर की 6 पंचायतों को साम्बा सीट से जोड़ा गया है, जिनमें गुड़ा सलाथिया की 2 पंचायतों के अतिरिक्त संगवाल, राजिन्द्र सिंह पुरा (बगूना), चक कूढ़ सिंह (टांडा बुर्ज) और रक्ख बरोटियाँ पंचायतें शामिल हैं। सलाथिया के नाम की घोषणा के साथ ही विरोध के स्वर भी उठने शुरू होगए हैं व पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं ने सलाथिया को बाहरी बताना शुरू कर दिया है। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल भी इसे बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा बनाने लगे हैं।
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चंद्र प्रकाश गंगा
विजयपुर विधानसभा निवार्चन क्षेत्र (71) सीट ने पार्टी ने एक बार फिर से चंद्र प्रकाश गंगा पर विश्वास जताया है। राज्य एसेंबली की वीआईपी मानी जाने वाली विजयपुर सीट से जीतने वाला प्रत्याशी मंत्रिपद ही पाता है। हालांकि भाजपा-पी.डी.पी. सरकार में मंत्री रहे अन्य नेताओं को टिकट नहीं दी गई। 1996 और 2014 में इस सीट से जीते सुरजीत सलाथिया को मंत्रिपद मिला था जबकि 2002 में इस सीट से जीते बसपा के मंजीत सिंह भी मुफ्ती केबिनेट में मंत्री बने थे। गंगा 2014 में नेकां के सुरजीत सिंह सलाथिया (अब बीजेपी में) को हरा कर पहली बार एसेंबली में पहुंचे थे और केबिनेट मंत्री बने थे। इस हलके में पुरमंडल ब्लॉक की 6 पंचायतों, जो पहले साम्बा सीट का हिस्सा थी, को विजयपुर से जोड़ा गया है। इनमें आनंदपुर (उत्तरवहनी), दयोन, पुरमंडल, कटवालता (मंडल), खड़ा और मढ़ाना शामिल हैं। चूंकि पिछले चुनाव में भी गंगा इसी सीट से जीते थे, इसलिए उनकी उम्मीदवारी को लेकर कोई प्रत्यक्ष विरोध नहीं हुआ है लेकिन नेकां-कांग्रेस गठबंधन द्वारा मजबूत सांझा उम्मीदवार उतारे जाने से टक्कर कांटेदार हो सकती है। वहीं अपनी पार्टी की ओर से पूर्व मंत्री मंजीत सिंह भी इस सीट पर लड़ रहे हैं।
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डॉ. देवेन्द्र मन्याल
रामगढ़ (अज सुरक्षित) विधानसभा (69) अनुसचित जाति के लिए सुरक्षित रामगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा ने दलित चेहरे, डॉ. देवेन्द्र मन्याल को टिकट दी है। इसी सीट पर उनके खिलाफ पूर्व मंत्री यशपाल कुंडल कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार हैं, जिन्हें मन्याल ने पिछले चुनाव में साम्बा सीट पर हराया था। इस सीट भी बाहरी बनाम स्थानीय उम्मीदवार का मुद्दा उठाया जा रहा है और भाजपा प्रत्याशी को स्थानीय कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ रहा है। हालांकि लोकसभा चुनाव में इस कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधी टक्कर में इस एसेंबली हलके से भाजपा को मामूली बढ़त मिली थी लेकिन विस चुनाव में बहुकोणीय मुकाबला होगा। राजपुरा की 8 और रामगढ़ ब्लॉक की 18 के साथ ही साम्बा की 7 पंचायतों को जोड़ कर बनाई गई इस नई सुरक्षित सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है क्योंकि इसी सीट पर अपनी पार्टी के साहिल भारती और ‘आप’ के बाबा चौधरी भी मुकाबले में हैं।
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