Edited By Neetu Bala, Updated: 16 Nov, 2024 07:19 PM
अब रेल मंत्रालय ने जम्मू में रेलवे डिवीजन की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।जिससे करीब 12 हजार रेलवे कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
जम्मू : जम्मू को रेल डिवीजन का दर्जा दिए जाने का सपना आखिरकार 12 साल के लंबे इंतजार के बाद पूरा हो गया। जम्मू को रेलवे डिवीजन का तोहफा जल्द मिलने वाला है क्योंकि 24 फरवरी 2012 को तत्कालीन केंद्र सरकार ने जम्मू को रेल डिवीजन बनाने की घोषणा की थी। लेकिन उसके बाद इस घोषणा के महत्व की ओर कोई ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब रेल मंत्रालय ने जम्मू में रेलवे डिवीजन की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।जिससे करीब 12 हजार रेलवे कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
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कश्मीर के लिए सीधी ट्रेन सुविधा शुरू होने से पहले ही जम्मू में रेलवे डिवीजन की स्थापना और कामकाज की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की गई है। इस घोषणा को पूरा करने के लिए केंद्रीय मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने एक्स पर एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी है। आपको बताते चलें कि जनवरी तक कन्याकुमारी से कश्मीर सीधा रेल मार्ग से जुड़ जाएगा। जम्मू-कश्मीर में तेजी से बढ़े रेलवे नैटवर्क को देखते हुए जम्मू रेल डिवीजन का होना जरूरी हो गया था। इसके लिए योजना (खाका) को काफी पहले ही तैयार कर लिया गया था, लेकिन मंजूरी नहीं मिल पा रही थी। अब केंद्रीय रेल मंत्री ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रस्तावित (खाके) योजना में नए रेल डिवीजन का मुख्यालय जम्मू में स्थापित होगा। फिलहाल फिरोजपुर रेल डिवीजन ही जम्मू कश्मीर में रेलवे का परिचालन देख रहा है, जो कि देश का सबसे बड़ा रेलवे डिवीजन भी है। जम्मू रेल डिविजन में पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के 1800 कि.मी. लंबे रेलवे ट्रैक पर परिचालन होता है। जानकारी के अनुसार इस मंडल में 239 छोटे एवं बड़े रेलवे स्टेशन आते हैं। जम्मू में नए रेलवे डिवीजन बनने से दस से 12 हजार कर्मचारियों को लाभ मिल सकेगा।
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वर्तमान में जम्मू संभाग के ढाई हजार, जबकि कश्मीर संभाग में करीब चार हजार रेलकर्मी काम कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में तैनात कर्मियों की संख्या भी करीब तीन हजार है। सभी रेलवे कर्मियों को छोटे से काम के लिए फिरोजपुर के चक्कर काटने पड़ते हैं।
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