Jammu : पीने के पानी को लेकर आ सकती है दिक्कतें, जानें क्या है वजह

Edited By Sunita sarangal, Updated: 18 Mar, 2025 03:22 PM

phe workers protest starts from 20 march

इस दौरान कर्मचारियों ने चेतावनी देते कहा कि अगर किसी प्रकार की पीने के पानी को लेकर कोई दिक्कत आई तो उसे ठीक नहीं किया जाएगा।

जम्मू: 20 मार्च के बाद जम्मू के लोगों को पीने के पानी को लेकर दिक्कतें पेश आ सकती हैं। मिली जानकारी के अनुसार पी.एच.ई एम्पलायज यूनाइटिड फ्रंट के अस्थायी कर्मचारी 72 घंटों की हड़ताल पर जा रहे हैं। इस दौरान कर्मचारियों ने चेतावनी देते कहा कि अगर किसी प्रकार की पीने के पानी को लेकर कोई दिक्कत आई तो उसे ठीक नहीं किया जाएगा। इसके बाद आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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जानकारी के अनुसार पी.एच.ई एम्पलायज यूनाइटिड फ्रंट के बैनर तले अस्थायी कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल 20 मार्च से आरंभ होगी। प्रशासन के खिलाफ बी.सी. रोड़ स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। फ्रंट की मांग है कि रेगुलाइजेशन पॉलिसी को तुरंत लागू किया जाए। इसके अलावा फ्रंट की मांग है कि कर्मियों को नियमित करने के लिए नीति बनाई जाए और कर्मियों को जल्द 70 महीने से अधिक के लंबित वेतन की अदायगी की जाए।

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फ्रंट के नेता रवि हंस, होशियार सिंह चिब, राजिंदर सिंह ताज, मोहन लाल और नवदीप सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की मांगें जायज हैं लेकिन प्रशासन अड़ियल रवैया अपनाए हुए है। उमर सरकार ने वर्ष 2013 में भी कमेटी का गठन किया और कमेटी ने 2014 में चरणबद्ध तरीके से कर्मियों को नियमित करने की सिफारिश की थी लेकिन 10 वर्ष बाद भी कर्मी अपने लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक तो 72 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया गया है और अगर जल्द मांगें पूरी नहीं हुई तो आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन होगा। हड़ताल के दौरान अगर आम जनता को पेयजल की कमी का सामना करना पड़ा तो उसकी जिम्मेदार उमर सरकार होगी।

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बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया

रवि हंस ने कहा कि 7 मार्च को विधानसभा में बजट पेश किया गया और बजट में पी.एच.ई. विभाग के अस्थायी कर्मियों के बारे में कोई बात नहीं की गई। उमर अब्दुल्ला ने कमेटी के गठन की घोषणा की कि जो कि केवल एक दिखावा है और अस्थायी कर्मियों को अगले बजट तक टालना है। अगले बजट में भी कर्मियों को कोई आस नहीं है। चुनावों से पहले उमर अब्दुल्ला व नैशनल कान्फ्रेंस ने अपने घोषणा पत्र में कर्मियों की मांगों को पहली कैबिनेट बैठक में ही हल करने का दावा किया गया। लेकिन आज सरकार के गठन को 4 महीने से अधिक का समय हो चुका है और कैबिनेट बैठकें भी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत ठीक होती तो पुरानी कमेटी की सिफारिशों पर अमल करती।

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