अनुच्छेद 370 के कश्मीर में आतंकवाद से संबंध पर बोले उमर अब्दुल्ला, विधानसभा चुनावों को लेकर कही यह बात

Edited By Sunita sarangal, Updated: 11 Jul, 2024 10:00 AM

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नेशनल कॉन्फ्रेंस मुख्यालय में बोलते हुए उमर ने जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों सहित विभिन्न मुद्दों को संबोधित किया।

श्रीनगर(मीर आफताब): जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अनुच्छेद 370 का कश्मीर में आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि अगर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा इसका कारण होता, तो इस क्षेत्र में आतंकवादी हमलों की मौजूदा लहर नहीं होती।

नेशनल कॉन्फ्रेंस मुख्यालय में बोलते हुए उमर ने जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों सहित विभिन्न मुद्दों को संबोधित किया। यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव समय पर होंगे, उमर ने 30 सितंबर से पहले चुनाव पूरा करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला दिया। उन्होंने श्रीनगर में योग दिवस पर प्रधानमंत्री के आश्वासन और गृह मंत्री के इसी तरह के बयानों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग भी चुनावों की तैयारी कर रहा है, इसलिए संदेह की कोई गुंजाइश ही नहीं है?

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जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों में वृद्धि के बारे में उमर ने भाजपा पर उंगली उठाई। उमर ने कहा कि यह सवाल भाजपा से पूछा जाना चाहिए, जो दावा करती है कि सभी आतंकवाद अनुच्छेद 370 से जुड़े हैं। 370 हटाने के बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पूर्ण शांति का वादा किया था। मौजूदा हालात साबित करते हैं कि वे लापरवाह हैं और अपने काम पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ध्यान केंद्रित नहीं कर रही है और वरिष्ठ अधिकारियों पर अपने कर्तव्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाया, जिससे सुरक्षा स्थिति बिगड़ रही है। उमर ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादी हमलों में वृद्धि सरकार की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने कहा कि आप इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? जब उनकी सरकार सत्ता में थी, तो उन्हें इन मुद्दों के लिए दोषी ठहराया गया था। यह स्पष्ट है कि मौजूदा प्रशासन स्थिति को सुधारने में अपनी भूमिका नहीं निभा रहा है।

उमर ने राजभवन सहित वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों से अपनी विलासिता को त्यागने और अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की मांग के बारे में पूछे जाने पर उमर ने टिप्पणी करने से परहेज करते हुए कहा कि ऐसी कोई मांग नहीं सुनी गई है और ऐसे फैसले उन जैसे लोग नहीं लेते। हालांकि सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक की है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म नहीं हुआ है। क्या आश्वस्त किया जा सकता है कि एक और स्ट्राइक जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद से पूरी तरह मुक्त कर देगी?

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क्या आतंकी हमलों में बढ़ोतरी से जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया बाधित हो सकती है, इस पर उमर ने उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री इन ताकतों के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं, तो चुनाव समय पर होंगे। लेकिन अगर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री इन हमलों के कारण चुनाव टालते हैं तो यह देश के लिए बहुत बुरा होगा। अगर हमारा केंद्रीय नेतृत्व इन ताकतों के आगे झुकना चाहता है, तो यह उनका फैसला होगा।

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