Edited By Sunita sarangal, Updated: 21 May, 2024 09:53 AM
क्षेत्रफल के हिसाब से देश के सबसे बड़े निर्वाचन क्षेत्र लद्दाख में 2019 के आम चुनाव में 71.05 प्रतिशत मतदान हुआ था।
लेह: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए सोमवार को शाम 5 बजे तक 67 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया। निर्वाचन अधिकारियों ने यह जानकारी दी। लद्दाख लोकसभा सीट के लिए 3 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार शाम 5 बजे तक 67.15 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। क्षेत्रफल के हिसाब से देश के सबसे बड़े निर्वाचन क्षेत्र लद्दाख में 2019 के आम चुनाव में 71.05 प्रतिशत मतदान हुआ था।
लद्दाख के उप-राज्यपाल ब्रिगेडियर (डॉ.) बी.डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त) और उनकी पत्नी नीलम मिश्रा ने लेह के स्कारा योकमा में अपना वोट डाला। चर्चित जलवायु कार्यकर्त्ता सोनम वांगचुक ने लद्दाख को छठी अनुसूची में डालने और राज्य का दर्जा देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर लेह में 66 दिनों तक चले धरने का नेतृत्व किया था। उन्होंने लेह के उल्याकटोपो गांव में अपना वोट डाला। मतदान के बाद वांगचुक ने कहा कि उन्होंने अभी-अभी मतदान किया है और वह खुश हूं। उन्हें दुख भी हो रहा है क्योंकि बहुत से लोग अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करते। कई नेताओं ने इस देश के लिए बहुत त्याग किया है। लोगों को लोकतंत्र का त्यौहार मनाना चाहिए।
लद्दाख के मुख्य निर्वाचन अधिकारी यतिंद्र एम. मरालकर ने कहा कि उन्हें दिन के अंत तक 75 प्रतिशत तक मतदान होने की उम्मीद है। वर्ष 2019 में जम्मू कश्मीर से अलग होने और केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिए जाने के बाद इस क्षेत्र में यह पहला बड़ा चुनावी मुकाबला है। इस सीट पर तीन उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (लेह) के मुख्य कार्यकारी काउंसलर-सह-अध्यक्ष ताशी ग्यालसन को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने त्सेरिंग नामग्याल को उम्मीदवार बनाया है। नैशनल कॉन्फ्रैंस (नैकां) की पूर्व नेता मोहम्मद हाजी हनीफा जान बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर 1.84 लाख से अधिक मतदाता हैं। मुस्लिम बहुल करगिल जिले में 95,926 और लेह जिले में 88,877 मतदाता हैं।