Kashmir के इस जिले में टूटे रिकॉर्ड, दर्ज की गई सबसे कम Snowfall

Edited By Sunita sarangal, Updated: 08 Feb, 2025 04:07 PM

kashmir snowfall

इस बीच स्थानीय लोगों में उत्साह और चिंता एक साथ दिखाई दे रही है।

बांदीपोरा(मीर आफताब): इस मौसम में कम बर्फबारी ने सर्दियों के दौरान गुरेज घाटी में रास्ते खुले हैं और चहल-पहल जारी है। इस मौसम में पहली बार ऐसा देखा गया है क्योंकि आमतौर पर इन दिनों यहां शांति रहती है। ताजी सब्जियों और अन्य आपूर्ति से लदे मोबाइल ट्रक लगभग हर रोज राजदान टॉप को पार करके गुरेज घाटी में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में "कड़वा-मीठा" उत्साह है।

पूर्व बी.डी.सी. कंजलवान मुख्तार अहमद लोन ने कहा कि दिसंबर के महीने के लिए सड़क ज्यादातर 10 दिनों तक बंद रहती थी। हालांकि ट्रैफिक कंट्रोल प्वाइंट (टी.सी.पी.) कंजलवान प्रभारी फैयाज अहमद के अनुसार जनवरी से 5 फरवरी तक सड़क लगभग सभी दिनों के लिए खुली रही है।

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अहमद ने कहा कि यह एक रिकॉर्ड है कि फरवरी में गाड़ियां सड़क पर चल रही हैं और पूरे जनवरी में ऐसा होता रहा। उन्होंने कहा कि हालांकि राजदान टॉप पर हवा से भरे बर्फीले तूफान के कारण यातायात कुछ समय के लिए रुका था, लेकिन फिर भी कुछ हद तक सड़क खुली रही।

उप-विभागीय मजिस्ट्रेट मुख्तार अहमद ने भी पुष्टि की कि सड़क सर्दियों के अधिकांश समय खुली रही। एस.डी.एम. ने बताया कि सर्दियों के इस मौसम में सड़क अधिकांश समय खुली रही है। हालांकि, खराब मौसम के दिनों और बाद में यातायात के लिए इसे बंद कर दिया गया था।

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इस बीच स्थानीय लोगों में उत्साह और चिंता एक साथ दिखाई दे रही है। उन्हें डर है कि कम बर्फबारी के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। घाटी में एक स्थानीय और पूर्व पी.आर.आई. प्रमुख मुख्तार ने कहा कि इस मौसम में दावर में अधिकतम बर्फबारी केवल एक फीट की गहराई तक हुई है।

इसी तरह तुलैल में जहां आमतौर पर भारी बर्फबारी होती है, इस साल केवल डेढ़ फीट बर्फबारी दर्ज की गई है। लोन ने कहा कि यह पिछले वर्षों की तुलना में बहुत कम है। उन्होंने आगे बताया कि घाटी के बीचों-बीच स्थित दावर में पिछले सीजन में करीब तीन फीट बर्फबारी हुई थी। बता दें कि कम बर्फबारी ने तुलैल रोड को भी खुला रखा है, जिससे गुज्जरान और अब्दुल्लाह से लोग लगभग रोजाना दावर की यात्रा कर सकते हैं। इस सीजन की असामान्य सर्दी का एक और बढ़िया रिजल्ट यह है कि लोग अपने घरों तक सीमित नहीं हैं।

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इसके अलावा जलापूर्ति पाइपलाइनें, जो आमतौर पर अप्रैल तक जम जाती हैं इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। यह अच्छा है कि उन्हें रोजाना ताजी सब्जियां और अन्य आवश्यक आपूर्ति मिल रही है। इससे उन्हें खुशी होती है।

हालांकि उन्होंने असामान्य मौसम के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में भी चिंता जताई। उन्होंने चेतावनी दी कि अधिक बर्फबारी से अधिक पानी मिलता है, जो फायदेमंद है। कम बर्फबारी से किसानों, बागवानों और आम लोगों पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।

अपनी चिंताओं के बावजूद निवासियों को उम्मीद है कि अभी और बर्फबारी होनी बाकी है। लोन ने कहा कि यह मार्च या अप्रैल में हो सकती है, लेकिन वह आशा करते हैं कि बर्फबारी और उन्हें कुछ राहत मिलेगी।

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