Edited By Neetu Bala, Updated: 17 Jan, 2025 08:02 PM
जेल विभाग के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर की जेलों में कुल 4472 अंडर ट्रायल कैदी थे, जिनमें से अधिकांश (86%) 20 से 45 वर्ष की आयु के थे। इनमें से 133 महिलाएं थीं, और अधिकांश युवा 26 से 35 वर्ष के बीच थे।
जम्मू : नशा और बेरोजगारी के कारण कई युवा अपराधों में शामिल हो रहे हैं, खासकर नशा तस्करी और चोरी जैसी गतिविधियों में। जम्मू जिले में नशा तस्करी के मामलों में हेरोइन तस्करी के मामले काफी अधिक रहे हैं, और हैरानी की बात यह है कि तस्कर खुद नशेड़ी और बेरोजगार होते हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया ने युवाओं के लिए कई अवैध गतिविधियों तक पहुंच बना दी है, जहां वे अपराध के तरीकों को देख सकते हैं और सीख सकते हैं।
जेल विभाग के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर की जेलों में कुल 4472 अंडर ट्रायल कैदी थे, जिनमें से अधिकांश (86%) 20 से 45 वर्ष की आयु के थे। इनमें से 133 महिलाएं थीं, और अधिकांश युवा 26 से 35 वर्ष के बीच थे।
मनोचिकित्सकों का मानना है कि बेरोजगारी और तनाव युवा मानसिकता पर गहरा प्रभाव डाल रहे हैं, जिससे वे अपराधों की ओर बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही, सोशल मीडिया भी अपराध करने के तरीके सीखने और इसका प्रोत्साहन देने का एक बड़ा स्रोत बन रहा है।
इस स्थिति को सुधारने के लिए जरूरी है कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं, साथ ही उन्हें नशे और अपराध से बचाने के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाए।
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