Edited By Sunita sarangal, Updated: 06 Jan, 2025 10:55 AM
सी.बी.आई. की जांच 2020-21 में पूरी हो चुकी थी और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार अभियोजन स्वीकृति देने या अस्वीकार करने की प्रक्रिया 2 महीने में पूरी होनी चाहिए।
जम्मू: जम्मू-कश्मीर में आर्म्स लाइसैंस घोटाला मामले में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ताशी राबस्तान और न्यायाधीश एम.ए. चौधरी पर आधारित खंड पीठ ने केंद्र सरकार (गृह मंत्री, कार्मिक मंत्रालय) को निर्देश दिया है कि जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा भेजी गई आई.ए.एस. अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों पर टिप्पणी के बारे वर्तमान स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें।
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यह मामला 5 आई.ए.एस. अधिकारियों और अन्य जिला मैजिस्ट्रेटों के खिलाफ जांच से संबंधित है। इन पर अवैध रूप से हथियार लाइसैंस जारी करने का आरोप है। याचिकाकर्ताओं के वकील शेख शकील अहमद ने कोर्ट को बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार, सी.बी.आई. के बार-बार अनुरोध के बावजूद इन अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को नहीं भेज रही है।
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सी.बी.आई. की जांच 2020-21 में पूरी हो चुकी थी और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार अभियोजन स्वीकृति देने या अस्वीकार करने की प्रक्रिया 2 महीने में पूरी होनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वह सरकार को निर्देश दे कि अभियोजन प्रस्ताव तुरंत भेजे जाएं। सरकारी वकील ने बताया कि मामले की स्थिति रिपोर्ट दायर की गई है और अदालत ने इस रिपोर्ट को रिकार्ड कर लिया। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी 2025 को निर्धारित की है।
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