Edited By Kamini, Updated: 25 Jun, 2025 04:30 PM

उन्हें "लहसुन गर्ल" के नाम से जाना जाता है।
कुपवाड़ा (मीर आफताब): कुपवाड़ा के ब्रामरी क्षेत्र की हरी-भरी और समृद्ध कृषि भूमि में एक ऐसी कहानी उभर रही है जो संघर्ष, प्रगति और परिवर्तन की मिसाल पेश कर रही है। इस कहानी के केंद्र में है हुमैरा, जो ब्रामरी की निवासी हैं और कुपवाड़ा में उन्हें "लहसुन गर्ल" के नाम से जाना जाता है। हुमैरा नई पीढ़ी का एक चमकता हुआ उदाहरण हैं, जो अपने जुनून और मकसद के साथ कृषि क्षेत्र में कदम रख रही हैं।
हुमा, जो कि कुपवाड़ा जिले के ब्रामरी गांव की रहने वाली हैं और BBA की छात्रा हैं, ने पारंपरिक रोजगार के बजाय कृषि में आत्मनिर्भरता का रास्ता अपनाया है। उन्होंने सबसे पहले मात्र 2 कनाल जमीन पर लहसुन की खेती शुरू की। मेहनत, लगन और कुपवाड़ा के कृषि विभाग के सहयोग से अब उनका फार्म लगभग 5 से 6 कनाल तक फैल चुका है।

हुमैरा की पहल मुख्य रूप से संरक्षित कृषि विधियों (प्रोटेक्टेड कल्चर) पर आधारित है, जिसकी सफलता ने न केवल उनके लिए आजीविका सुनिश्चित की है बल्कि उनके क्षेत्र में छह से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा किए हैं।

अपनी सफलता पर गर्व करते हुए हुमा कहती हैं, "सरकारी नौकरी के पीछे भागने की बजाय, मैंने नौकरी देने वाला बनने का फैसला किया।" उनकी कहानी एक मजबूत संदेश है कि कृषि में नवीनता और संकल्प से आर्थिक स्वतंत्रता और सामुदायिक सशक्तिकरण संभव है। हुमैरा का ग्रीनहाउस फार्मिंग मॉडल ग्रामीण जीवन स्तर को बदलने की क्षमता रखता है और अन्य युवा किसानों को आधुनिक, टिकाऊ कृषि की दिशा में प्रेरित करता है, जो न केवल समृद्धि का रास्ता है बल्कि सम्मान और उज्जवल भविष्य की ओर भी एक कदम है।
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