Edited By Neetu Bala, Updated: 14 Oct, 2024 08:00 PM
जरूरी है कि हम अपने आसपास अपने मोहल्ले में मच्छर को एकत्रित न होने दें। और डेंगू जैसे वायरस से खुद तो बचे ही बचे और अपने आसपास के लोगों को भी बचाएं।
कटड़ा (अमित): कटड़ा में इन दिनों डेंगू के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते ही नजर आ रहे हैं। सीएससी कटड़ा के विशेषज्ञों की मानें तो प्रतिदिन 40 से 50 के करीब डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि डेंगू फैलता कैसे हैं, और किस तरह से इस वायरस से बचा जा सकता है। और यह भी जरूरी है कि अगर किसी को डेंगू है तो किस तरह के लक्षण उस ले शरीर में पाए जाएगे। यह सवाल भी हर उस शक्श के मन में बना हुआ है, जिसके घर में किसी को बुखार भी आता है। इन सब विषयों पर चर्चा के लिए पंजाब केसरी की टीम ने कटड़ा सीएससी सहित नारायाना चिकित्सालय के विशेषज्ञों से बातचीत की गई। और उनसे जाना की डेंगू से लक्षण क्या है और बचने के लिए किस प्रकार की सावधानियां बरती जा सकती है।
इस सबंद में जानकारी देते हुए नारायाना सुपर स्पेशलिटी चिकित्सा केंद्र से फिजिशियन डॉक्टर अश्वनी भगत ने बताया कि डेंगू मच्छर के काटने से होता है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने आसपास एकत्रित साफ या गंदे पानी को जल्द से जल्द हटाएं। उन्होंने कहा कि मच्छर से बचने के लिए हमें फूल स्लीव कपड़े जरूर पहनने चाहिए। भगत ने यह भी कहा कि अगर किसी को डेंगू है तो उसे तेज बुखार होगा, और डेंगू के मरीज को शरीर में बहुत तेज दर्दे भी होती हैं। उन्होंने कहा कि उक्त मरीज को आंखों के पीछे भी तेज दर्द होता है। अगर ऐसे लक्षण किसी मरीज में है तो वह तत्काल नजदीकी चिकित्सा केंद्र में जाकर अपना उपचार जरूर करवाएं।
डेंगू के बढ़ते मामलों पर अधिक जानकारी देते हुए नारायाना के अन्य चिकित्सक डॉ वीना जेड ने बताया कि डेंगू वायरस एक विशेष प्रकार के मच्छर के काटने से होता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी मरीज को फीवर रैशिस (शरीर मे खारिश होना) जैसी समस्या महसूस होती है तो तत्काल चिकित्सा केंद्र में जाकर अपना उपचार शुरू करवाए। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा गया है कि जब किसी मरीज को ऐसे वायरस की शिकायत आती है तो वह अपने घरों में ही एंटीबायोटिक सहित अन्य दवाइयां लेकर उपचार शुरू कर देता हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी दवाइयां लेना खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि अगर किसी मरीज को डेंगू वायरस की समस्या का कोई लक्षण महसूस हो रहा है तो उक्त मरीज तत्काल नजदीकी चिकित्सा केंद्र में जाकर संबंधित ब्लड टेस्ट करवाते हुए जांच करवाए, और उचित उपचार जरूर ले।
डेंगू के संबंध में अधिक जानकारी देते हुए कटड़ा सीएससी में तैनात फिजिशियन डॉक्टर कविता ने बताया डेंगू के बुखार में बुखार तो तेज होता ही है। पर ऐसे मामलों में हाथ पांव पूरे ठंडे होते हैं, और शरीर दर्द से टूटता है। उन्होंने यह भी कहा कि कई मामलों में उल्टियां सहित पेट दर्द भी होता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई भी लक्षण हो तो तत्काल नजदीकी चिकित्सा केंद्र में जांच जरुर करवाएं।
कविता ने बताया की इन लक्षणों के बाद मरीज का ब्लड प्रेशर में अंतर आना सहित सी.बी.सी ब डब्लू. बी.सी भी कम होना शरू जो जाते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि मरीज के ब्लड सैंपल लेकर टेस्ट किया जाए और संबंधित उपचार शुरू किया जाए। कविता ने यह भी कहा कि मरीज की समय-समय पर जांच करवा कर प्लेटलेट्स सेल का भी ध्यान जरूर रखना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि प्लेटन्स सेल 80,000 से ऊपर है तो किसी किस्म की कोई परेशानी नहीं है। लेकिन अगर प्लेटनस सेल 50,000 से नीचे हैं तो ऐसे मामलों में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
सीएससी कटड़ा में ही तैनात अन्य फिजिशियन डॉक्टर रुचिका का कहना था डेंगू से बचाव ही सबसे जरूरी है। उन्होंने कहा कि सावधानी बरती जाने से डेंगू के खतरे से बचा जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि 99% मामलों में पर्याप्त जांच ब संबंधित चिकित्सक से सलाह लेने से डेंगू के मामले का उपचार हो जाता है। पर अगर कोई लापरवाही बरतता है तो इसमें खतरा भी 10% तक बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि डेंगू मरिज के प्लेटनस सेल 20,000 से कम नहीं होने चाहिए। अन्यथा उसे चिकित्सा केंद्र में भर्ती होकर अतिरिक्त प्लैटनस सेल चढ़ाने पड़ेंगे।
डॉ. रुचिका का यह भी कहना था कि डेंगू का मच्छर सुबह-शाम पनपता है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने आसपास अपने मोहल्ले में मच्छर को एकत्रित न होने दें। और डेंगू जैसे वायरस से खुद तो बचे ही बचे और अपने आसपास के लोगों को भी बचाएं।
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