Edited By Neetu Bala, Updated: 13 Jul, 2024 07:19 PM
जम्मू-कश्मीर में इस साल सितंबर तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ाने का केंद्र का फैसला अहम माना जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर डेस्क: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) की प्रशासनिक शक्तियां बढ़ा दी हैं। दिल्ली की तरह अब जम्मू-कश्मीर में भी राज्य सरकार उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना अधिकारियों का ट्रांसफर और पोस्टिंग नहीं कर सकेगी। जम्मू-कश्मीर में इस साल सितंबर तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ाने का केंद्र का फैसला अहम माना जा रहा है। राज्य में सरकार किसी की भी बने, लेकिन अहम फैसले लेने का अधिकार उपराज्यपाल के पास रहेगा। गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत संशोधन नियमों को अधिसूचित किया है, जिसमें एल.जी. को सशक्त बनाने वाले नई धाराएं जोड़ी गई हैं। इस संशोधन के बाद अब उपराज्यपाल के पास पुलिस, कानून-व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा (एआईएस) से जुड़े मामलों में अधिक शक्तियां होंगी।
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संशोधित नियमों में 2 अंक जोड़े गए
42ए: अधिनियम के तहत 'पुलिस', 'सार्वजनिक व्यवस्था', 'अखिल भारतीय सेवा' और 'भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो' (एसीबी) के संबंध में वित्त विभाग की पूर्व सहमति की आवश्यकता वाले किसी भी प्रस्ताव को तब तक स्वीकृत या अस्वीकार नहीं किया जाएगा जब तक इसे मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष नहीं रखा जाता।
42बी: किसी मुकदमे को स्वीकार करने या अस्वीकार करने या अपील दायर करने से संबंधित कोई भी प्रस्ताव मुख्य सचिव के माध्यम से कानून विभाग द्वारा उपराज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।