Edited By Neetu Bala, Updated: 06 Nov, 2024 04:47 PM
अब्दुल्ला ने विधानसभा परिसर के बाहर संवाददाताओं से कहा, ''विधानसभा ने अपना काम किया है, मैं बस इतना ही कहूंगा।"
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा द्वारा पुराने राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र और निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की मांग वाला प्रस्ताव पारित होने के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि विधानसभा ने अपना काम किया है। प्रस्ताव में 'एकतरफा तरीके' से विशेष दर्जा हटाए जाने पर भी चिंता व्यक्त की गई। हालांकि, इसे बिना किसी बहस के पारित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामे के बीच इस प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कर दिया। अब्दुल्ला ने विधानसभा परिसर के बाहर संवाददाताओं से कहा, ''विधानसभा ने अपना काम किया है, मैं बस इतना ही कहूंगा।"
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने बुधवार को हंगामे के बीच एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें केंद्र से पुराने राज्य की विशेष स्थिति को बहाल करने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने की मांग की गई। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे केंद्र ने 5 अगस्त 2019 को खारिज कर दिया था। चौधरी द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव में कहा गया है, "यह विधानसभा विशेष स्थिति और संवैधानिक गारंटी के महत्व की पुष्टि करती है जिसने जम्मू और कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा की है और उन्हें एकतरफा हटा दिया है।" प्रस्ताव में कहा गया, ''पुनर्स्थापना, राष्ट्रीय एकता और जम्मू-कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।'' विपक्ष के नेता सुनील शर्मा सहित भाजपा सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह एजेंडे का हिस्सा नहीं है।
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