Edited By Neetu Bala, Updated: 04 Apr, 2024 03:45 PM
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है।
ऊधमपुर: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। उनके द्वारा ली जाने वाली एडमिशन फीस, वार्षिक चार्जिज व अन्य फंड का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब किताबों व कापियों को स्टेशनरी की चुनिंदा दुकानों पर बेचने के मामले सामने आना शुरू हो गए हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा प्राइवेट स्कूलों में किताबें, वर्दियां बेचने पर पाबंदी लगाने के उपरांत अब उन्होंने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। उनके द्वारा खुद ही किताबों व कापियों के सैट बनाकर कुछ चुनिंदा स्टेशनरी की दुकानों के साथ मिलीभगत कर उन्हें बेचा जा रहा है जबकि इसको लेकर शिक्षा विभाग आंखें मूंद कर तमाशा देख रहा है।
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कुछ अभिभावकों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके द्वारा स्कूल में एडमिशन व एनुअल चार्जिज जोकि करीब 10 हजार रुपए एक बच्चे के बने वो वसूले गए तथा उसके उपरांत उन्हें स्लिप देकर उस दुकान पर भेज दिया गया जहां पर स्कूल द्वारा पहले से ही किताबों के सैट बनाकर दिए गए थे। इसके लिए उन्होंने दुकानदार से सैट के हिसाब से कमीशन सैट की है और अगर कोई स्कूल द्वारा दी गई स्लिप नहीं देता है तो उसको किताबें नहीं दी जाती हैं। अगर कोई इसकी शिकायत करता है तो उसके बच्चे को स्कूल में बात-बात पर प्रताड़ना झेलनी पड़ती है।
वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग के अधिकारी उनके पास शिकायत आने का इंतजार करते रहते हैं कि कोई शिकायत आएगी तभी वह कोई कार्रवाई करेंगे, जबकि वह खुद से इसका कोई संज्ञान नहीं लेते, जिससे आम आदमी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी झेलने को मजबूर हैं।