Edited By Neetu Bala, Updated: 10 Dec, 2025 07:44 PM

इस साल चांदी ने कमोडिटी बाजार में ऐसा धमाका किया है कि निवेशकों से लेकर ट्रेडर्स तक सब हैरान हैं।
जम्मू-कश्मीर डेस्क : इस साल चांदी ने कमोडिटी बाजार में ऐसा धमाका किया है कि निवेशकों से लेकर ट्रेडर्स तक सब हैरान हैं। लगातार बढ़ती कीमतों ने चांदी को नए ऐतिहासिक स्तरों पर पहुंचा दिया है। MCX पर मार्च डिलीवरी वाली चांदी की कीमत बढ़कर 1,91,800 रुपए प्रति किलो पहुंच गई, जो अब तक की सबसे ऊंची कीमत है। सोना जहां थोड़ा गिरा है, वहीं रिटर्न के मामले में चांदी ने सोने को काफी पीछे छोड़ दिया है।
11 महीने में कीमत दोगुनी
जनवरी से नवंबर 2025 तक चांदी की कीमत लगभग 100% बढ़ी। इसी दौरान सोने में 60% की बढ़त हुई। चांदी: 90% से ज्यादा बढ़ी
जनवरी 2025 को चांदी लगभग 90,000 रुपए प्रति किलो थी,
जो अब बढ़कर 1.91 लाख रुपए से ऊपर पहुंच गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी 28 डॉलर से बढ़कर 57 डॉलर तक पहुँच गई।
चांदी सोने से आगे क्यों निकली?
चांदी की कीमत तेज़ी से बढ़ने के दो बड़े कारण हैं:
मांग में भारी बढ़ोतरी — खासकर उद्योग और टेक्नोलॉजी सेक्टर में चांदी की जरूरत बढ़ी।
चीन ने रिकॉर्ड चांदी निर्यात की — अक्टूबर में 660 टन से ज्यादा।
लेकिन उसका स्टॉक बहुत कम रह गया, जिससे सप्लाई घट गई और कीमतें बढ़ गईं।
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