Edited By Sunita sarangal, Updated: 19 Feb, 2025 12:07 PM
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कृषि विभाग और स्कॉस्ट मिलकर आकस्मिक योजनाओं पर काम में लग गए हैं।
जम्मू/श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में इस बार सूखे की आहट है। बर्फ रहित सर्दी और लंबे समय तक सूखे के कारण कश्मीर घाटी में जलाशयों के भरने में देरी हो रही है। इसके मद्देनजर किसानों के माथे पर अभी से चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं। अगर ऐसी नौबत आती है तो किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके चलते कृषि विभाग ने कश्मीर के किसानों को पानी की कम खपत वाली फसलें उगाने की सलाह दी है।
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कृषि विभाग कश्मीर ने खासकर दक्षिण कश्मीर में प्रमुख जल निकायों के सूखने पर चिंता जताते हुए किसानों को चावल की खेती से दूर रहने और अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने की सलाह दी। हालांकि विभाग ने दावा किया कि है कि स्थिति से निपटने के लिए स्कॉस्ट-कश्मीर के साथ मिलकर आकस्मिक योजनाओं पर काम कर रहा है।
कृषि विभाग और स्कॉस्ट मिलकर आकस्मिक योजनाओं पर काम में लग गए हैं। स्कॉस्ट फसलों और अन्य किस्मों की वृद्धि के लिए उपयुक्त स्थानों के बारे में मार्गदर्शन करेगा। कृषि क्षेत्र पर पानी की कमी पर कृषि में पड़ने वाले प्रभाव पर चिंता जताते हुए विभाग ने किसानों से अपनी फसल के विकल्पों पर पुनर्विचार करने को कहा है। सूखे की स्थिति जारी रहने के साथ ही किसानों से कृषि एडवाइरी के लिए अपडेट रहने और पानी की कमी के प्रभाव को कम करने के लिए टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने को कहा है।
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झेलम सहित अधिकांश नदियां ‘जीरो लैवल’ से नीचे बह रही हैं
एक लम्बे समय बाद ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है। इस बार बर्फ रहित सर्दियों को जलस्तर में कमी का मुख्य कारण बता रहे हैं। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार कम बर्फबारी के कारण कश्मीर की जीवन रेखा झेलम सहित अधिकांश नदियां ‘जीरो लैवल’ से नीचे बह रही हैं। पिछले 45 दिनों में बहुत कम बर्फ पिघलने और कम बारिश होने के कारण नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है। पुलवामा स्थित संगम पर झेलम का जल स्तर माइनस 1.01 फीट तक पहुंच गया है जबकि राम मुंशी बाग में यह 3.52 फीट था और अशाम में स्तर 0.75 फीट तक गिर गया है। लिद्दर, राम बिआरा, द्रंग और पोहरू, सीलू सहित अधिकांश छोटी नदियां और नाले भी न्यूनतम जल स्तर से नीचे बह रहे हैं।
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पिछले 3 महीनों में बारिश में 80 प्रतिशत की कमी
मौसम विभाग के अनुसार जम्मू और कश्मीर में अब तक बारिश में कुल 29 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है जबकि पिछले 3 महीनों में यह कमी 80 प्रतिशत के करीब है। अकेले जनवरी के महीने में कम बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई है। वहीं 12 फरवरी तक पहले 2 महीनों में केंद्र शासित प्रदेश के सभी जिलों में बारिश में 70 से 80 प्रतिशत की भारी कमी दर्ज की गई थी। पूरे जम्मू-कश्मीर में 79 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है और 1 जनवरी से 12 फरवरी 2025 तक सिर्फ 29.8 मिली मीटर वर्षा दर्ज की गई है।
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बर्फबारी और बारिश के अंदेशे से बंधी आस
मौसम विभाग ने अगले एक हफ्ते में 2 वैस्टर्न डिस्टर्बैंस के चलते 19 से 22 फरवरी और 25 से 27 फरवरी के बीच बारिश और बर्फबारी का अनुमान जताया है। मौसम विभाग के अनुसार इस सीजन की बर्फबारी हो सकती है। कश्मीर घाटी के मैदानी इलाकों जिनमें श्रीनगर भी शामिल है यहां 4 जनवरी को आखिरी बार बर्फबारी हुई थी। इसके चलते सूखा खत्म होने की आस बंधी है।
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