Jammu Kashmir में अब आतंकियों की खैर नहीं, LG Sinha ने जारी कर दिए सख्त आदेश

Edited By Sunita sarangal, Updated: 14 Feb, 2025 10:55 AM

lg sinha instructions to jammu kashmir

जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद का नामो-निशान भी नहीं रहना चाहिए।

जम्मू(तनवीर सिंह): उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने जे.के. पुलिस और सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर जम्मू संभाग में सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की। एल.जी. ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबलों के अधिकारियों को जम्मू क्षेत्र से आतंकवाद का संपूर्ण खात्मा करने के लिए कई निर्देश जारी किए।

बैठक में डी.जी.पी. जम्मू-कश्मीर नलिन प्रभात, ए.डी.जी.पी. सशस्त्र आनंद जैन, ए.डी.जी.पी. मुख्यालय एम.के. सिन्हा, ए.डी.जी.पी. सी.आई.डी. ​​नीतीश कुमार, उप-राज्यपाल के प्रमुख सचिव डा. मंदीप कुमार भंडारी, आई.जी.पी. जम्मू भीम सेन टूटी, आई.जी.पी. अपराध डा. सुनील गुप्ता, आई.जी.पी. सुरक्षा सुजीत कुमार, आई.जी.पी. रेलवे विवेक गुप्ता, आई.जी. ट्रैफिक एम. सुलेमान चौधरी, रेंज डी.आई.जी., एस.एस.पी. और जम्मू-कश्मीर पुलिस की विभिन्न शाखाओं के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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बैठक की शुरूआत में डी.जी.पी. जम्मू-कश्मीर और आई.जी.पी. जम्मू ने आम नागरिक के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए भविष्य की कार्य योजना और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के प्रस्तावित उपायों के बारे में उप-राज्यपाल को जानकारी दी। आई.जी.पी. रेलवे ने रेलवे की सुरक्षा और स्टेशनों व पटरियों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बनाए गए रोडमैप पर विस्तृत प्रस्तुति दी।

वहीं उप-राज्यपाल ने इस दौरान सख्त आदेश जारी करते कहा कि उन्हें अपना पूरा फोकस जम्मू संभाग से आतंकवाद का पूरा सफाया करने पर रखना चाहिए। जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद का नामो-निशान भी नहीं रहना चाहिए। आतंकवाद के खात्मे के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं और आतंकवाद के बुनियादी ढांचे और स्थानीय समर्थन को पूरी तरह से खत्म किया जाए।

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आतंकवाद को रसद और वित्तीय सहायता प्रदान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें

उप-राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों को आतंकवाद को रसद और वित्तीय सहायता प्रदान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि समाज में डर पैदा करने की कोशिश करने वाले व्यक्तियों या ग्रुपों के कृत्यों को आतंकवादी कार्रवाई कहा जाए और उन्हें कानून के अनुसार दंडित किया जाए।

इसके बाद प्रौद्योगिकी संचालित पुलिसिंग, क्षेत्र वर्चस्व योजना, इंटर एजैंसी को-आर्डिनेशन, नार्को-आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई, पुलिस बल की क्षमता निर्माण और साइबर गश्त व निगरानी क्षमताओं में सुधार के लिए अभिनव रणनीतियों के लिए रोडमैप पर भी चर्चा की।

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खुफिया तंत्र को मजबूत करें

एल.जी. ने खुफिया तंत्र को मजबूत करने पर जोर देते हुए विश्वसनीय खुफिया जानकारी जुटाने, वास्तविक समय की परिचालन खुफिया जानकारी सांझा करने और सटीक इनपुट के आधार पर आतंकवाद विरोधी अभियानों पर जोर दिया। उन्होंने फिर दोहराया कि आतंकवाद के हर अपराधी और समर्थक को कीमत चुकानी होगी। उन्हें खुद को विश्वसनीय खुफिया जानकारी से लैस करने और आतंकवादियों को बेअसर करने व नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने की आवश्यकता है। सिन्हा ने कहा कि उन्हें पारंपरिक के साथ-साथ गैर-पारंपरिक खतरों के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

सीमा की सुरक्षा मजबूत करें

एल.जी. ने सीमाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए और कहा कि उन्हें नदियों और दुर्गम पर्वत शृंखलाओं के साथ लूपहोल बार्डर के कारण विषम खतरों के खिलाफ सीमा सुरक्षा को मजबूत करना चाहिए और सभी सुरक्षा एजैंसियों को आवश्यक बैकअप सहायता प्रदान करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उप-राज्यपाल ने आतंकवादी प्रचारकों से निपटने के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करने और आधुनिक व कुशल पुलिसिंग के लिए स्थानीय स्तर पर पुलिस प्रतिष्ठान को मजबूत करने का भी आह्वान किया।

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